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रायपुर, छत्तीसगढ़:
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। 3 जनवरी को पत्रकार मुकेश का शव बीजापुर जिले में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ। इस मामले में पुलिस ने अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से पकड़ा गया है। पुलिस के अनुसार, सुरेश विदेश भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन समय रहते उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
मुकेश चंद्राकर बीजापुर जिले के एक जाने-माने पत्रकार थे। 1 जनवरी को उनके परिजनों ने उनके लापता होने की रिपोर्ट बीजापुर थाने में दर्ज कराई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुकेश चंद्राकर ने सुरेश चंद्राकर के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था, जिससे ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई हुई थी। इस कार्रवाई के बाद ठेकेदार ने प्रतिशोध के रूप में पत्रकार मुकेश की हत्या की योजना बनाई और उन्हें मार डाला।
मुकेश चंद्राकर का शव 3 जनवरी को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के सेप्टिक टैंक में मिला, जिससे मामले की गंभीरता सामने आई। हत्या के बाद, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर भी शामिल है।
मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद बस्तर संभाग के सभी पत्रकारों ने इस जघन्य अपराध के खिलाफ आवाज उठाई। पत्रकारों ने नेशनल हाईवे पर चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि इस तरह की घटनाओं से पत्रकारों के जीवन को खतरा बढ़ रहा है, और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
पत्रकारों की मांग थी कि सभी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की जाए, मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की वैध और अवैध संपत्तियों की कुर्की की जाए, साथ ही ठेकेदार के सरकारी टेंडरों को निरस्त किया जाए और उनके बैंक खातों को सीज किया जाए।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष किरण देव सिंह ने इस घटना पर गहरी चिंता और अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि पत्रकारों पर इस तरह के हमले केवल असंवेदनशीलता की निशानी नहीं बल्कि एक खतरनाक संदेश भी हैं। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और कहा कि सरकार को इस प्रकार के अपराधों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।
पुलिस ने इस हत्याकांड की गंभीरता को देखते हुए त्वरित जांच शुरू कर दी है। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद, अब यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाले पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी?
राज्य सरकार ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है, और पुलिस द्वारा की जा रही जांच के बारे में जल्द ही नई जानकारी दी जाएगी।
अंतिम शब्द:
पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या न केवल बस्तर बल्कि पूरे राज्य के पत्रकारों के लिए एक बड़ा झटका है। इस घटना ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन इस मामले में किस प्रकार की कार्रवाई करते हैं और क्या पत्रकारों के सुरक्षा इंतजामों में सुधार किया जाएगा।
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