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कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने पूर्व भाजपा सरकार पर कोविड फंड में करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप लगाया है। कांग्रेस का दावा है कि कोविड के दौरान राज्य को कुल 13 हजार करोड़ रुपए का फंड मिला था।
इसमें लगभग 1000 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई। तब बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी। कांग्रेस ने COVID-19 मैनेजमेंट पर जस्टिस जॉन माइकल डी कुन्हा कमीशन की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के हवाले से घोटाले का दावा किया है।
कर्नाटक सरकार में कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने बताया कि गुरुवार (5 सितंबर) को कैबिनेट मीटिंग में रिपोर्ट पर चर्चा हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड फंड से जुड़ी कई फाइलें गायब हैं, जिन्हें बार-बार कहने के बावजूद उनके सामने नहीं रखा गया।
कांग्रेस ने पिछले साल सत्ता में आने के बाद जांच के आदेश दिए थे
कर्नाटक में पिछले साल मई में कांग्रेस की सरकार बनी थी। कांग्रेस ने सत्ता में आने पर कोविड फंड में घोटाले की जांच कराने का वादा किया था। पार्टी की जीत के बाद सिद्धारमैया CM बने और उन्होंने अगस्त, 2023 में घोटाले की न्यायिक जांच का आदेश दिए थे।
CM ने जांच अधिकारियों को कोविड महामारी के दौरान दवाओं, उपकरणों की खरीद और ऑक्सीजन आपूर्ति में अनियमितताओं की जांच का काम सौंपा गया था।
शीतकालीन सत्र के दौरान भी रिपोर्ट पेश कर सकती है सरकार
सूत्रों के मुताबिक, 1000 पेज की रिपोर्ट को अभी पांच से छह हिस्सों में पेश किया गया है। अगले छह महीनों के भीतर इसके पूरे होने की उम्मीद है। इसे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान भी पेश किया जा सकता है।
मंत्री पाटिल ने बताया कि सिद्धारमैया सरकार ने कमेटी का कार्यकाल छह महीने बढ़ा दिया है, ताकि वह अंतिम रिपोर्ट पेश कर सके।
इसके अलावा अधिकारियों की एक टीम को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंपी गई है, जो एक महीने के भीतर इसका विश्लेषण करके सरकार को सौंपेगी। इस टीम में चीफ सेक्रेटरी शालिनी रजनीश, चीफ सेक्रेटरी के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी और कुछ अन्य अधिकारी शामिल हैं।
भाजपा ने सिद्धारमैया पर MUDA घोटाले का आरोप लगाया है
कुन्हा कमीशन की रिपोर्ट ऐसे वक्त में सामने आई है, जब भाजपा CM सिद्धारमैया को मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले के आरोपों में घेरने की कोशिश कर रही है। सिद्धारमैया पर मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) की जमीन के मुआवजे के लिए फर्जी दस्तावेज लगाने का आरोप है।
इस मामले में राज्यपाल ने 17 अगस्त को सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। सिद्धारमैया ने हाईकोर्ट में राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी है।
MUDA घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, साले और कुछ अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की गई है। एक्टिविस्ट टी. जे. अब्राहम, प्रदीप और स्नेहमयी कृष्णा का आरोप है कि CM ने MUDA अधिकारियों के साथ मिलकर महंगी साइट्स को धोखाधड़ी से हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज लगाए
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