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भोपाल। विषैले रसायनिक उर्वरकों से मध्य प्रदेश की खेती किसानी को मुक्त करने की दिशा में मध्य सरकार ने जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए कारगर कदम उठाना शुरू कर दिए हैं। सूबे के कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र, गोविंद नगर बनखेड़ी जिला नर्मदा नगर (होशंगाबाद) को मंडी बोर्ड से जैविक खेती के अनुसंधान एवं परीक्षण केंद्र की स्थापना के लिए दो करोड़ 38 लाख 44 हजार की अनुदान राशि स्वीकृत की है।
कृषि मंत्री पटेल ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबंध है। प्रधानमंत्री मोदी के आव्हान पर हम सबने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में कृषि विज्ञान केंद्र बनखेड़ी में किसानों और छात्रों के लिए एक करोड़ 86 लाख 48 हजार रुपये जैविक रिसर्च लैब और जैविक मुद्रा परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए 51 लाख 96 हजार रुपये मंडी बोर्ड से स्वीकृत किए गए हैं।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने अपने एक बयान बताया कि रासायनिक उर्वरकों के अत्याधिक उपयोग से पंजाब जैसा राज्य कैंसर और कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ गया है। वहीं मध्यप्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। मंडी बोर्ड के अध्यक्ष होने के नाते मैंने जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में यह पहली शुरुआत की है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी चाहते हैं कि प्रदेश में प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाए।
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