भोपाल। मध्यप्रदेश में कमनलाथ सरकार ने छोटे-छोटे बच्चों के हित में बड़ा फैसला लिया है। अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं अन्य कार्यों से सम्बद्ध नहीं होंगे। इस सम्बंध में गुरुवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिये हैं।
आदेश में कहा गया है कि प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को अब एकीकृत बाल विकास योजना के कार्यों के अतिरिक्त अन्य कार्यों में संबंद्ध नहीं किया जायेगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सभी विभागाध्यक्षों, संभागायुक्तों, कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को इस संबंध में आदेश जारी कर दिये हैं।
गौरतलब है कि वर्तमान में प्रदेश में 80 हजार 160 आंगनबाड़ी केन्द्र तथा 1270 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं। इनमें पढ़ाने वाले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा इन केन्द्रों के माध्यम से शून्य से 6 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार देकर सुपोषित करने एवं शाला पूर्व शिक्षा प्रदाय करने का महत्वपूर्ण कार्य किया जाता है। इसके अतिरिक्त गर्भवती और धात्री माताओं को पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं प्रदाय की जाती हैं, जिसकी निरन्तरता एवं अतिकम वजन वाले बच्चों की विशेष देखभाल की जाती है।
अभी तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को गैर आईसीडीएस कार्यों में भी संबद्ध किया जाता रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका द्वारा अन्य कार्य नहीं करने पर उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाती रही है। ऐसा होने से आंगनबाड़ी केन्द्रों की सेवाएं लम्बे समय तक प्रभावित हो रही थीं। साथ ही, बच्चों के पोषण स्तर में सुधार भी बाधित होता है। इसे पुन: ठीक करने में काफी समय एवं अतिरिक्त प्रयासों की आवश्यकता होती थी, जो उन बच्चों के स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं था, इसलिये कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को अन्य कार्यों से मुक्त किया गया है।