माँ की मर्जी से मिलेगी अनुकम्पा नियुक्ति

7 साल बाद भी बिना एफआईआर के नियुक्ति

राज्य सरकार अपनी अनुकम्पा नियुक्ति में एक नया प्रावधान जोड़ रही है इस नए प्रावधान के अनुसार  सरकारी नौकरी में यदि पिता या माँ  की मृत्यु हो जाती है तो मां या पिता को यह अधिकार मिलेगा कि वह जिसे चाहे, उसका नाम अनुकंपा नियुक्ति के लिए आगे बढ़ा सकते है साथ ही सरकार 7 साल की बाध्यता को भी खत्म करने पर विचार कर रही है नई नीति के बाद जो माता पिता की अच्छी देखरेख करेगा, उसे ही नौकरी मिलेगी कोई व्यक्ति सरकारी नौकरी में होता है और अगर उसकी मृत्यु रिटायरमेंट उर्म से पहले ही हो जाती है तो उस व्यक्ति की जगह उसके परिवार में ही उसके बच्चों को नौकरी दे दी जाती है जिसे ही अनुकम्पा नियुक्ति कहते है शिवराज सरकार ने अब अनुकम्पा नियुक्ति पर नया प्रावधान ला दिया है जिसके अनुसार माता या पिता दोनों में से किसी की मृत्यु सरकारी नौकरी के दौरान हो जाती है तो उनके जीवन साथी को यह अधिकार है की वह अनुकम्पा नियुक्ति में पुत्र-पुत्री, विधवा अविवाहित-विवाहित संतान दत्तक संतान तलाकशुदा पुत्री या फिर परिवार के बाहर से भी किसी व्यक्ति का नाम आगे बढ़ा सकते है सरकार का नया प्रावधान लाने के पीछे तर्क यह है की नौकरी मिलने के बाद बच्चे माता-पिता को छोड़ देते हैं नई नीति के बाद जो अच्छी देखरेख करेगा। उसे ही नौकरी मिलेगी साथ ही सरकार अनुकंपा नियुक्ति में सात साल की बाध्यता को भी  हटाने पर विचार कर रही है इस बाध्यता के अनुसार शासकीय सेवक की मृत्यु के दिन से सात साल तक ही अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता है इसके बाद यदि कोई आता है तो उसे उसी शर्त पर नियुक्ति की पात्रता होगी कि वह लापता होने की एफआईआर पुलिस प्रतिवेदन के साथ जमा करें और अब इस बाध्यता के हटने के बाद बिना एफआईआर के भी नियुक्ति  हो जाएगी। 

Dakhal News 30 January 2023

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