भारत-दुबई घनिष्टता के नए आयाम
bhopal, New dimensions , Indo-Dubai closeness

डॉ. वेदप्रताप वैदिक

 

कल रात ही मैं दुबई पहुंचा और आज सुबह मैंने यह खुश खबर पढ़ी कि दुबई की कुल 160 सेवाओं में से भारत के लिए 100 सेवाओं के द्वार खोल दिए गए हैं। कुछ दिन पहले भारत के व्यापार मंत्री पीयूष गोयल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) आए थे और उन्होंने यहां के नेताओं से बातचीत करके यह समझौता किया था। अब यहां भारतीय नर्सों, इंजीनियरों, सूचना-विशेषज्ञों आदि तरह-तरह के व्यावसायिक विशेषज्ञों को काम करने की सुविधा मिलेगी।

इसका नतीजा यह होगा कि भारत के लाखों सुयोग्य नौजवानों को अपनी योग्यता को परखाने का मौका मिलेगा। यदि वे दुबई और अबू धाबी में अपना सिक्का जमाएंगे तो उसकी खनक सारे अरब और अफ्रीकी देशों में भी होगी। इस समय भारत के माल को अरब और अफ्रीका के देशों में खपाने का सबसे बड़ा केंद्र यूएई ही है। भारत की कोशिश है कि ‘गल्फ कोऑपरेशन कौंसिल' के साथ भी वह कुछ इसी तरह के समझौते कर ले तो सउदी अरब, ओमान, बहरीन, कुवैत और क़तर जैसे देशों के साथ उसके व्यापारिक और आर्थिक संबंध घनिष्ट हो सकते हैं। इस समय यूएई के साथ भारत का व्यापार 60 बिलियन डाॅलर का है। अगले पांच वर्षों में यह दुगुना हो सकता है।

 

दुबई से भारतीय माल बड़े पैमाने पर पाकिस्तान को भेजा जाता है। भारत-पाक व्यापार आजकल लगभग ठप्प है लेकिन पाकिस्तान के गांवों में भी यदि आप चले जाएं तो भारतीय चीजें वहां दनदनाती हुई दिखाई पड़ती हैं। दुबई को भारत से आनेवाला माल लगभग करमुक्त हो जाएगा। संयुक्त अरब अमीरात में आप कहीं भी चले जाइए, आपको ऐसा लगेगा कि आप भारत में ही हैं। यहां लगभग 35 लाख भारतीय रहते हैं। इस देश की एक तिहाई आबादी इसके बाजारों, अस्पतालों और होटलों में भारतीयों की ही दिखाई पड़ती है।

अब दोनों देशों के संबंध इतने घनिष्ट होते जा रहे हैं कि ये द्विपक्षीय संबंध दुनिया के सारे मुस्लिम देशों से आगे निकल गए हैं। कश्मीर में पैसा लगाने की पहल यूएई कर रहा है। यदि कश्मीर में एक इस्लामी देश का विनिवेश बढ़ेगा तो क्या यह पाकिस्तान के घावों पर नमक छिड़कना सिद्ध नहीं होगा? लेकिन हमारे कश्मीरियों के लिए यह विनिवेश शहद से भी ज्यादा मीठा होगा। यहां मैं जिस भारत-यूएई सम्मेलन की आज अध्यक्ष करुंगा, उसमें दोनों देशों के सैकड़ों नेता, उद्योगपति, पत्रकार आदि भाग लेंगे। यूएई एक आदर्श और आधुनिक इस्लाम राष्ट्र बनता जा रहा है। भारत के साथ उसकी दोस्ती इस्लाम की छवि को सारी दुनिया में चमकाने का काम करेगी।

 

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और स्तभकार हैं)

 

Dakhal News 28 March 2022

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