भारत करेगा बड़ा रक्षा सौदा, खरीदेगा 114 नए लड़ाकू विमान
राफेल विमान

एक तरफ जहां 59 हजार करोड़ रुपए में 36 राफेल विमान खरीदने के सौदे को लेकर कांग्रेस लगातार भाजपा सरकार पर हमला कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ मोदी सरकार एक और डील करने जा रही है। सरकार 20 अरब डॉलर (1.4 लाख करोड़ रुपए) में 114 नए लड़ाकू विमान खरीदने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा सौदा होगा।

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में डिफेंस एक्वीजिशन काउंसिल इस महीने के अंत में या अगले महीने की शुरुआत में 114 जेट विमानों के लिए एक्सेप्टेंस ऑफ नेसेसिटी पर विचार कर सकती है। इस प्रस्तावित प्रोजेक्ट के तहत सौदा होने के तीन से पांच साल के अंदर 18 विमान फ्लाई-अवे कंडीशन (आते ही इस्तेमाल के लिए तैयार) के साथ आएंगे। वहीं, बाकी विमानों को भारत में स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप पॉलिसी के तहत विदेशी विमान कंपनियों और भारतीय कंपनियों के सहयोग से बारत में विकसित किया जाएगा।

मजेदार बात यह है कि रूस के सुखोई-35 फाइटर ने भी बोली लगाई है। इसके लिए वायुसेना ने आरएफआई (सूचना के लिए अनुरोध) या शुरूआती निविदा अप्रैल में जारी की थी। अधिकारियों ने कहा कि भारत में अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी लाने के मकसद से हाल में शुरू रणनीतिक भागीदारी मॉडल के तहत भारतीय कंपनी के साथ मिलकर विदेशी विमान निर्माता लड़ाकू विमानों का उत्पादन करेंगे।

वायुसेना पुराने हो चुके कुछ विमानों को बाहर करने के लिए अपने लड़ाकू विमान बेड़े की गिरती क्षमता का हवाला देते हुए विमानों की खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने पर जोर दे रही है। सरकार ने पांच साल पहले वायु सेना के लिए 126 मध्यम बहु भूमिका लड़ाकू विमान (एमएमआरसीए) की खरीद प्रक्रिया को रद्द कर दिया था। इसके बाद लड़ाकू विमानों के लिए यह पहला बड़ा सौदा होगा।

इससे पहले राजग सरकार ने सितंबर 2016 में 36 राफेल दोहरे इंजन वाले लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए फ्रांस सरकार के साथ करीब 59000 करोड़ रूपये के सौदे पर दस्तखत किए थे। बता दें कि फ्रांस के साथ केंद्र सरकार के करार को लेकर कांग्रेस के हमलों के बीच तीन राफेल लड़ाकू विमान रविवार को पहली बार भारत पहुंच गए हैं। ये विमान तीन दिन तक ग्वालियर एयरबेस पर रहेंगे और वायुसेना के पायलट इन पर प्रशिक्षण हासिल करेंगे। ये लड़ाकू विमान ऑस्ट्रेलिया में एक अंतरराष्ट्रीय युद्धाभ्यास में शामिल होने गए थे। वहां से लौटते हुए ग्वालियर आए।

 

Dakhal News 4 September 2018

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