Dakhal News
26 April 2024मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले गैर भाजपाई महागठबंधन की कवायद तेज हो गई है। आगामी 2 अगस्त को आधा दर्जन छोटे दलों के भोपाल में होने वाले सम्मेलन में शिरकत को लेकर कांग्रेस और बसपा ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन गठबंधन के सूत्रधार पूर्व जदयू अध्यक्ष शरद यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती की कांग्रेस दिग्गजों से अलग-अलग मुलाकातें हो चुकी हैं।
महागठबंधन की स्क्रिप्ट तैयार करने में जुटे समाजवादी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस कर्नाटक के अनुभव के बाद ज्यादा सतर्कता से कदम आगे बढ़ा रही है। उसकी चिंता है कि चुनाव बाद गठबंधन की स्थिरता पूरी विश्वसनीयता के साथ बनी रहे। मप्र के अलावा छत्तीसगढ़ और राजस्थान के लिए भी सैद्धांतिक चर्चा हुई है, लेकिन अभी सीटों की कोई बात नहीं हुई। मायावती की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी के अलावा अशोक गेहलोत से भी चर्चा हुई है।
उधर, शरद यादव की भी कांग्रेस के दिग्गजों से मुलाकात में इसी मुद्दे पर लंबी चर्चा हो चुकी है। जदयू के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव गोविंद यादव का कहना है कि छग में कांग्रेस के साथ गोंगपा के हीरासिंह मरकाम मंच साझा कर चुके हैं। भोपाल सम्मेलन में मरकाम और फूलसिंह बरैया सहित राष्ट्रीय समानता दल को मिलाकर छह क्षेत्रीय दल शामिल होंगे। कांग्रेस और बसपा से अभी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई है।
इस सम्मेलन के बहाने गैर आदिवासी, गैर दलित और गैर कांग्रेसी हिन्दू वोटों पर फोकस किया जा रहा है। गठबंधन से जुड़े नेताओं का कहना है कि भाजपा के जनाधार में बड़ी संख्या ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य वर्ग से है। इनमें से एक हिस्सा कांग्रेस के पास भी है। इनके अलावा गैर कांग्रेसी हिन्दू में ज्यादातर कम आबादी वाले समाज और गरीब-ओबीसी वर्ग के लोग शामिल हैं। इस वर्ग को रिझाने के बाद ही महागठबंधन का उद्देश्य पूरा होगा।
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17 July 2018
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