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स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि में बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष के हमलों का वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तर्कों के साथ जवाब दिया है। उन्होंने इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया। कहा, जरूरी नहीं है कि स्विस बैंकों में जमा सारा पैसा कालाधन ही हो। फिर भी अगर कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अपने ब्लॉग में जेटली ने बताया कि स्विस बैंकों में जमा धन किनका है।
भारतीय मूल के उन लोग का, जिन्होंने दूसरे देश की नागरिकता ले रखी है या फिर अनिवासी भारतीय हैं। भारतीय भी कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए स्विस बैंकों में पैसा जमा करा सकते हैं। इसलिए इन श्रेणियों के जमाकर्ताओं की राशि को कालाधन नहीं कहा जा सकता।
कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने इस बीच मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि इसमें से करीब 40 फीसद राशि रुपए बाहर भेजने की उदार योजना (लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम-एलआरएस) की वजह से वहां पहुंची है। एलआरएस पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के कार्यकाल में लागू हुई थी। इसमें कोई भी व्यक्ति प्रतिवर्ष 2.50 लाख डॉलर तक बाहर भेज सकता है।
राहुल ने सरकार को घेरा
इस मामले पर कांग्रेस ने राजग सरकार पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, 2014 में उन्होंने कहा था स्विस बैंकों में जमा सारा कालाधन वापस लाएंगे और सभी भारतीयों के खातों में 15 लाख रुपए जमा कराए जाएंगे।
इसी तरह 2016 में नोटबंदी के समय उन्होंने कहा था कि इस फैसले से भारत को कालेधन से छुटकारा मिल जाएगा। अब 2018 में वह स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा धन में 50 फीसदी उछाल को साफ-सुथरी रकम बता रहे हैं।
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