विदेश मंत्री के दखल से बना हिंदू-मुस्लिम दंपती का पासपोर्ट
sushma swaraj

एक हिंदू-मुस्लिम दंपती को लखनऊ के पासपोर्ट अधिकारी ने इसलिए पासपोर्ट जारी करने से इन्कार कर दिया कि हिंदू महिला ने शादी के बाद अपना सरनेम नहीं बदला था। अधिकारी ने महिला व उसके पति को प्रताड़ित किया, फेरे लेने व सरनेम बदलने की हिदायत दी। इस बर्ताव से दुखी महिला ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर रोष जताया। आखिरकार सुषमा के दखल से पासपोर्ट जारी कर दिया गया। अधिकारी का ट्रांसफर कर दिया गया।

अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए मोहम्मद अनस सिद्दीकी और उनकी पत्नी तन्वी सेठ ने उनके साथ बुधवार को हुए दुर्व्यवहार की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर शिकायत करते हुए दखल देने का आग्रह किया था। दंपती ने 12 साल पहले शादी की थी। उनकी छह साल की बेटी भी है। सिद्दीकी ने बताया कि उनका आवेदन पासपोर्ट नवीनीकरण का और पत्नी तन्वी का नए पासपोर्ट का था।

गुरुवार को लखनऊ के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी (आरपीओ) पीयूष वर्मा ने बताया कि दंपती को पासपोर्ट जारी कर विदेश मंत्रालय को रिपोर्ट भेज दी गई है। विवादित अफसर विकास मिश्रा का तबादला कर दिया गया है। इस पर तन्वी सेठ ने सुषमा व विदेश मंत्रालय को तत्काल कार्रवाई के लिए धन्यवाद दिया।

'जिस तरह लखनऊ के रतन स्क्वेयर स्थित पासपोर्ट दफ्तर के अधिकारी विकास मिश्रा ने हमारे साथ बर्ताव किया, उससे मैं बहुत गुस्से में और आहत हूं। मैं आपसे इंसाफ पाने के भरोसे के साथ ट्वीट कर रही हूं। हमारे साथ इसलिए बुरा सुलूक हुआ क्योंकि, मैंने एक मुस्लिम से शादी की है और अपना नाम नहीं बदला है। मुझे उम्मीद नहीं थी कि पासपोर्ट कार्यालय में भी मॉरल पुलिसिंग करने वाले लोग हैं। मेरा और पति मोहम्मद अनस सिद्दीकी का पासपोर्ट होल्ड कर दिया गया। शादी के 12 सालों में इतना अपमान कभी नहीं हुआ। शादी के बाद क्या नाम रखूं यह मेरी निजी पसंद है। अधिकारी ने बेहद शर्मनाक ढंग से और जोर-जोर से चिल्लाते हुए दुर्व्यवहार किया।'

तन्वी के पति मोहम्मद अनस सिद्दीकी ने पत्रकारों को बताया, 'पासपोर्ट अधिकारी ने पहले पत्नी का नाम पूछा और फिर कहा कि मुझे अपना धर्म बदल लेना चाहिए और फेरे लेना चाहिए। तभी पासपोर्ट बनेगा। मुझे नहीं पता कि उनसे मेरी कोई निजी रंजिश थी। अधिकारी हमारे नाम देखकर ही भड़क उठे थे।'

विवादित अफसर विकास मिश्रा ने अपनी सफाई में कहा 'मैंने तन्वी सेठ को पासपोर्ट आवेदन में नाम उनके निकाहनामे के मुताबिक नाम 'शाजिया अनस' करने को कहा था। यह नाम उनकी फाइल में भी होना चाहिए। हम यह जांच करते हैं कि किसी ने पासपोर्ट बनवाने के लिए अपना नाम तो नहीं बदल लिया है। लेकिन महिला ने अपना नाम निकाहनामे के अनुसार करने से इन्कार कर दिया। यदि वह हां करतीं तो मैं उन्हें 'ए' सेक्शन में भेजता और डेटा बदलने का काम होता। मैं एक धर्म निरपेक्ष व्यक्ति हूं। मैंने खुद अंतरजातीय विवाह किया है।'

आरपीओ वर्मा ने बताया कि पासपोर्ट नियम आसान बनाए गए हैं। अब विवाह प्रमाणपत्र पेश करना भी अनिवार्य नहीं है। धर्म का पासपोर्ट जारी करने से कोई संबंध नहीं है। हम हमारे स्टाफ को नए नियम के बारे में लगातार परामर्श दे रहे हैं।

Dakhal News 21 June 2018

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