छत्तीसगढ़ में बीजेपी बदलेगी चुनावी रणनीति
छत्तीसगढ़ में बीजेपी बदलेगी चुनावी रणनीति

कर्नाटक विधानसभा के बाद उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार के बाद अब पार्टी छत्तीसगढ़ में कोई कोर-कसर छोड़ने को तैयार नहीं है।

रायपुर। कर्नाटक विधानसभा के बाद उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार के बाद अब पार्टी छत्तीसगढ़ में कोई कोर-कसर छोड़ने को तैयार नहीं है। विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर केंद्रीय नेताओं का दौरा तेज हो गया है। राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बाद अब केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले 15 दिनों में प्रदेश का दौरा करेंगे और पार्टी की चुनावी स्थिति के जमीनी आकलन के साथ जीत की रणनीति भी बनाएंगे।

भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान को जीत के छठवें द्वार के रूप में देख रही है। पार्टी ने कर्नाटक, गुजरात और उत्तर प्रदेश चुनाव, राजस्थान में उपचुनाव, कर्नाटक उपचुनाव को पांच द्वार माना है।

पार्टी सूत्रों की मानें तो अब छठवें द्वार में जीत ही मिशन 2019 में भाजपा की नैया को पार कराने वाला होगा। यही कारण है कि जेपी नड्डा चार जून को न सिर्फ पत्रकारों से चर्चा करेंगे, बल्कि पार्टी पदाधिकारियों का फीडबैक भी लेंगे। पार्टी में अब तक हुए चुनावी सर्वे, बस्तर और सरगुजा में पार्टी की वर्तमान स्थिति, आइटी सेल और मोर्चा पदाकिारियों के कामकाज की समीक्षा करेंगे।

जेपी नड्डा को संगठन का करीबी माना जाता है, ऐसे में अमित शाह के दौरे से पहले नड्डा की बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। नड्डा लंबे समय तक प्रदेश प्रभारी भी रहे हैं। माना जा रहा है कि उनके फीडबैक के बाद जब राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 10 जून को अंबिकापुर आएंगे, तो विकास यात्रा में उमड़ी जनता के मूड को भांपने के साथ संगठन की तैयारियों की भी जानकारी लेंगे।

मिशन 2019 को देखते हुए दुर्ग लोकसभा क्षेत्र पर भाजपा ने अभी से फोकस कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भिलाई में 14 जून को कार्यक्रम है। वे यहीं से चुनावी बिगुल फूकेंगे। मोदी के कार्यक्रम को लेकर सरकार और संगठन अभी से सक्रिय हो गए हैं।

पिछले चुनाव में दुर्ग लोकसभा से सरोज पांडेय की हार के लिए संगठन के नेताओं की गुटबाजी को जिम्मेदार पाया गया था। उत्तर प्रदेश के मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने भी अपनी रिपोर्ट में कैडर को मजबूत बताया, लेकिन नेताओं की आपसी गुटबाजी का हार का मुख्य कारण माना था। अब मोदी न सिर्फ संगठन को संदेश देंगे, बल्कि नेताओं को एकजुट करने की कोशिश भी करेंगे।

भाजपा के आला नेताओं की मानें तो मिशन 2019 का रास्ता छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान से खुलेगा। पिछले चुनाव में पार्टी ने 11 में से दस लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। पार्टी के बड़े नेताओं के दौरे में सांसदों के रिपोर्ट कार्ड की जांच होगी और कमजोर परफार्मेंस वाले सांसदों को आखिरी अल्टीमेटम भी दिया जाएगा। साथ ही पार्टी 9 व 10 जून को केन्द्रीय योजना से लाभान्वित लोगों का सम्मेलन करने जा रही है, जिसमें अमित शाह भी शामिल होंगे।

भाजपा के केंद्रीय नेता अगले 15 दिन में रायपुर, दुर्ग और सरगुजा संभाग की नब्ज टटोलेंगे। यहां की 34 विधानसभा सीटों पर भाजपा को जीत मिली है, जबकि कांग्रेस के खाते में 20 सीट है। इसमें दुर्ग संभाग में भाजपा की स्थिति कमजोर है, जबकि सरगुजा संभाग में सात-सात सीट कांग्रेस और भाजपा के पास है। रायपुर संभाग में कांग्रेस के मुकाबले भाजपा की स्थिति बेहतर है।

 

 

Dakhal News 1 June 2018

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.