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26 April 2024नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि किसी भी विवाद का हल केवल बातचीत से हो सकता है। दुनियाभर में लोगों को एक-दूसरे से अलग करने वाली धार्मिक रूढ़िवादी जड़ों और पूर्वाग्रहों को खात्म करे के लिए बातचीत ही विकल्प है।
पीएम मोदी ने यह बातें यांगोन में आयोजित 'सम्वाद-ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन कॉन्फ्लिक्ट अवॉयडेंस एंड एंटरटेनमेंट कॉन्शियसनेस' नाम के कार्यक्रम के दूसरे संस्करण में एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए कही हैं।
पीएम ने अपने संबोधन में कहा, 'आप सभी जानते हैं कि 21 वीं सदी में विश्व आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसे कई वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहा है, मुझे पूरा भरोसा है कि इन सबका समाधान एशिया की सबसे पुरानी परंपरा बहस और बातचीत के जरिए निकलेगा।प्राचीन भारतीय परंपरा कठिन मुद्दों का हल निकालने के लिए बातचीत में दृढ़ विश्वास करती है।'
प्राचीन भारतीय पद्धति 'तर्कशास्त्र' के बारे में बात करते हुए पीएम ने कहा कि यह मॉडल बातचीत और बहस पर आधारित था जिसमें आपसी मुद्दों को बातचीत के जरिए हल किया जाता था। भगवान राम, भगवान कृष्ण, भगवान बुद्ध और भक्त प्रह्लाद का उदाहरण देते हुए पीएम ने कहा कि इन सबका एक ही उद्देश्य था और वह था कर्तव्य का पालन करना।
पर्यावरण के बारे में बात करते हुए पीएम ने कहा कि मनुष्य को अपने आप को प्रकृति के साथ जोड़ना चाहिए और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन को रोकना चाहिए। यदि मनुष्य प्रकृति की रक्षा नहीं करेगा तो प्रकृति जलवायु परिवर्तन के रूप में प्रतिक्रिया देगी। उन्होंने कहा कि किसी भई आधुनिक समाज के लिए यह जरूरी है कि पर्यावरण की रक्षा करें।
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5 August 2017
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