Dakhal News
25 April 2024
सिक्किम से लगी सीमा पर जारी तनातनी के बीच जहां चीन हिंद महासागर क्षेत्र में अपने नौसेना की मौजूदगी बढ़ाते जा रहा है, वहीं भारतीय नौसेना भी पूरी तरह से सतर्क है। वह GSAT-7 के जरिये आसमान से 'ड्रैगन' पर नजर रख रहा है। यह नौसेना द्वारा खुद को समर्पित सैन्य सेटेलाइट है, जिसे 29 सितंबर 2013 को लॉन्च किया गया था। इस सेटेलाइट की सबसे दिलचस्प बात इसके नाम से जुड़ी है, जो रुक्मिणी है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, 2,625 किलोग्राम वजन का यह सेटेलाइट हिंद महासागर क्षेत्र में नजर रखने में नौसेना की मदद कर रहा है। यह एक मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन-कम सर्विलान्स सेटेलाइट है, जिसका 36, 000 किमी की ऊंचाई से संचालन हो रहा है। यह नौसेना युद्धपोतों, पनडुब्बियों और विमानों को रियल-टाइम जानकारी मुहैया कराता है।
वहीं समुद्र तट किनारे स्थित संचालन केंद्रों की मदद से यह सेटेलाइट ना केवल नौसेना की अरब सागर और बंगाल की खाड़ी पर नजर रखने में मदद कर रहा है बल्कि फारस की खाड़ी से लेकर मलक्का स्ट्रेट तक उनकी संचार और निगरानी क्षमताओं में वृद्धि करने में भी कारगर साबित हो रहा है, यह हिंद महासागर क्षेत्र के लगभग 70 फीसदी हिस्से के बराबर हैं।
इन दिनों सिक्किम सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन में तनाव बढ़ गया है। चीन ने भारतीय सुरक्षा बलों पर सीमा पार का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है और उन्हें भारत वापस बुलाए जाने की मांग करते हुए चीन ने यह तक कह दिया है कि वह युद्ध को भी तैयार है। वहीं चीन ने हिंद महासागर में भी अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है। हाल ही में कम से कम 14 चीनी नौसेना पोतों को भारतीय समुद्री क्षेत्र में घूमते देखा गया। इनमें आधुनिक लुआंग-3 और कुनमिंग क्लास स्टील्थ डेस्ट्रॉयर्स भी शामिल हैं।
Dakhal News
5 July 2017
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