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26 April 2024ज्योतिरादित्य सिंधिया का सत्याग्रह
मंदसौर में पुलिस की गोली से मारे गए किसान और उनकी मांगों को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार से सत्याग्रह शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि मंदसौर की घटना प्रदेश के माथे पर कलंक है। मोदी और शिव 'राज" में किसानों की आत्महत्याएं बढ़ी हैं। तीन साल में 1800 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश को शव राज्य बना दिया है। अगले तीन दिन तक किसानों की समस्या पर बात होगी और फिर प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह मिलकर संघर्ष की रणनीति बनाएंगे।
भोपाल के टीटी नगर स्थित दशहरा मैदान में दोपहर बाद सत्याग्रह शुरू करने से पहले मंदसौर गोलीकांड में मारे गए किसानों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सिंधिया ने कार्यकर्ता और किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि जब तक प्रदेश में शांति बहाली नहीं हो जाती, वे उपवास जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक भी नेता को मृतक किसानों के परिजनों से ये कहते हुए मिलने नहीं दिया कि स्थिति बिगड़ सकती है और आज वे स्वयं भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वहां पहुंच गए। इससे साफ जाहिर होता है कि वे किसानों के नाम पर राजनीति करते हैं। देश में बीते में तीन साल में 12 हजार से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं। केंद्र ने किसानों को मिलने वाला बोनस बंद कर दिया। मंडियों में उपज बेचने के लिए किसानों को लाइनें लगानी पड़ रही हैं। उन्होंने गोलीकांड की जांच के लिए बनाई समिति पर सवाल उठाते हुए पूछा कि निहत्थे किसानों पर गोली किसने और क्यों चलाई?
वरिष्ठ कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो किसानों के कर्ज माफ किए जाएंगे। कांग्रेस के इस संघर्ष में जिन कार्यकर्ताओं पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उन्हें सरकार बनते ही वापस लिया जाएगा। नौकरशाही की व्यवस्था में हम ऐसा परिवर्तन लाएंगे कि वे दबाव में कभी भी गलत फैसले न लें। निष्पक्ष होकर काम करें। पुलिस सिस्टम में भी आमूलचूल बदलाव करेंगे, ताकि वे न तो उद्दंड हों और न ही निरंकुश।
कार्यक्रम शुरू होते ही सिंधिया समर्थकों ने झंडे लहराने और नारेबाजी शुरू कर दी। अपने समर्थक गिरिराज दंडोतिया को सिंधिया ने फटकारा और कहा कि न तो किसी के झंडे लहराए जाएंगे और न ही किसके पक्ष में कोई नारेबाजी होगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं को शांत कर बैठाया। मीडिया के एक प्रतिनिधि से कार्यकर्ता की बहस होने पर उन्होंने सभी मीडियाकर्मियों से हाथ जोड़कर विनम्र आग्रह किया और खेद भी जताया। मंच पर सिंधिया का ही दबदबा दिखा। कार्यक्रम के दौरान पूरे समय मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा पत्रकारों के बीच बैठे रहे। जहां सिंधिया के भाषण में जोश नजर आता था तो वे कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करते रहे।
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15 June 2017
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