नदी और पर्यावरण संरक्षण समाज का दायित्व
नदी और पर्यावरण संरक्षण

मुख्यमंत्री  चौहान ने जन-संवाद कार्यक्रम को किया संबोधित 

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि हमारे संतों ने मानव जीवन का लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति और लोक-कल्याण को बताया है। उन्होंने बताया कि ईश्वर को पाने के तीन रास्ते हैं। इसमें एक रास्ता ज्ञान मार्ग का, दूसरा भक्ति का और तीसरा रास्ता कर्म मार्ग का है। मैंने कर्म मार्ग अपनाकर लोक-कल्याण का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज नर्मदा सेवा यात्रा में रायसेन जिले के भारकच्छ में जन-संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपना कर्म पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ करना चाहिये। वही उसके सुखद भविष्य और परलोक सुधार का मार्ग सशक्त करेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री होने के नाते मेरा काम केवल प्रदेश का विकास करना ही नहीं है, बल्कि अपनी संस्कृति, परम्परा, धरोहरों और पर्यावरण का संरक्षण करना भी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जब मैं अमरकंटक गया था, तब वहाँ नर्मदा में बूँद-बूँद पानी रिसते देखकर मन में यह विचार आया कि माँ नर्मदा का संरक्षण करना होगा। उन्होंने कहा कि समय रहते हम नहीं जागे तो हमारी नदियाँ और हरियाली नष्ट हो जायेगी। हमें इन्हें भविष्य के लिये बचाना होगा। उन्होंने कहा कि बेतवा और ताप्ती नदियों के पास वनों की अँधाधुँध कटाई के कारण इनमें भी बहने वाला पानी कम हुआ है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा संरक्षण का कार्य जन-भागीदारी से किया जायेगा। जन-सामान्य को जागरूक करने के लिये नर्मदा सेवा यात्रा निकाली जा रही है। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी में पानी के बहाव को बढ़ाने के लिये नदी के दोनों तटों पर बड़ी संख्या में पेड़ लगाने होंगे। उन्होंने कहा कि 11 दिसम्बर से अमरकंटक से प्रारंभ हुई नर्मदा सेवा यात्रा को व्यापक जन-समर्थन मिल रहा है और इस यात्रा ने बड़े आंदोलन का रूप ले लिया है। आज नर्मदा यात्रा की चर्चा न केवल देश में हो रही है, बल्कि दुनिया के अनेक देशों में इसकी चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि नर्मदा आंदोलन को समाज के प्रत्येक धर्मगुरु का समर्थन मिला है। सभी धर्मगुरु का मत है कि आगे आने वाली पीढ़ी को यदि हमें नदियाँ सुरक्षित देनी है तो हमें इन्हें साफ रखना होगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा में किसानों के हितों का भी ख्याल रखा गया है। किसानों को अपनी निजी भूमि पर फलदार पेड़ लगाने के लिये 3 वर्ष तक 20 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर राशि अनुदान के रूप में दी जायेगी। उन्होंने बेटी बचाओ की चर्चा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने महिलाओं के हितों में प्रभावी निर्णय लिये हैं। महिलाओं को सरकारी नौकरी में 50 प्रतिशत और पुलिस सेवा में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। जन-संवाद कार्यक्रम को साध्वी प्रज्ञा भारती, श्रीलंका बौद्ध सोसायटी के विमल तिस्स, विधायक श्री रामकिशन पटेल ने भी संबोधित किया। जन-संवाद कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे।

 

Dakhal News 29 March 2017

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