जमीन घोटाले को लेकर कांग्रेस ने किया वॉकआउट
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जमीन घोटाले को लेकर कांग्रेस ने किया वॉकआउट

 

सागर जिले  में पट्टे की 27 एकड़ जमीन एक ही दिन में एक बिल्डर को दिए जाने का मामला विधानसभा उठाते हुए कोंग्रेस  ने वाकआउट किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस मामले में सात सौ करोड़ का घोटाला हुआ है जिसमें राजनेता और अफसर शमिल हैं। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के हर्ष यादव ने यह मामला उठाते हुए कहा कि सागर नगर में खुरई मार्ग पर भाग्योदय तीर्थ चिकित्सालय के सामने स्थित करीब 27 एकड़ जमीन को पट्टाधारक खत्री बंधुओं ने सुभाग्योदय डेव्लपर्स को जनवरी में बेच दिया। उन्होंने जानना चाहा कि क्या इस भूमि के नामांतरण का आवेदन तहसीलदार को दिया गया, क्या कलेक्टर से इसकी अनुमति ली गई। 

हर्ष यादव ने आरोप लगाया कि भूमि के ट्रांसफर से लेकर रजिस्ट्री तक एक दिन में हो गर्इं। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा जमीन घोटाला है। राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने इस मामले में गडबड़ी की बात स्वीकारते हुए कहा कि सरकार इसे लेकर हाईकोर्ट गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में रजिस्ट्रार की भूमिका भी जांच कराई जा रही है। इस पर कांग्रेस सदस्यों ने अफसरों पर कार्यवाही की मांग की। मंत्री गुप्ता का कहना था कि इस मामले में अभी कलेक्टर जांच कर रहे हैं अफसरों की भूमिका क्या थी यह सामने तो आए। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस के गोविंद सिंह, जयवर्धन सिंह, तरूण भानोट समेत अनेक सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर सरकार पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाने लगे। इसी  बीच उपनेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर सही उत्तर न देने का आरोप लगाते हुए सदन से वाकआउट की घोषणा कर दी। 

विधानसभा में आज राजस्व मंडल द्वारा तहसीलदारों के फैसले पलट कर सरकारी जमीन को निजी किए जाने को लेकर गरमागरम बहस हुई। विधायक महेंद्र सिंह कालूखेड़ा ने राजस्व मंडल को बंद करने तक की मांग की। इस पर राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने राज्य भूमि सुधार आयोग से राजस्व मंडल के काम की भूमिका की जांच करने की जानकारी दी। प्रश्नोत्तर काल के दौरान विधायक कालूखेड़ा ने कहा कि राजस्व मंडल के अफसरों की आदत बन गई है कि ये मैनेज होकर फैसले देते हैं। सरकार ने अशोकनगर मामले में पटवारी को सस्पेंड किया था जो राजस्व मंडल के फैसले के बाद बहाल हो गया। इस पर मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि भूमि सुधार आयोग इसकी जांच कर रहा है कि मंडल चालू रखा जाए या बंद कर दिया जाए। पूर्व मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले में क्रिमिनल कोर्ट की भांति वकीलों की भूमिका की जांच का मसला उठाया तो मंत्री ने कहा कि इसकी भी जांच हो रही है और राजस्व मंडल में सरकार का पक्ष रखने वाले वकीलों की भूमिका का पता किया जा रहा है।

विधानसभा में विधायकों के सवालों के जवाब देने के बजाय जानकारी एकत्र किए जाने संबंधी जवाब को लेकर विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा ने गंभीरता से लिया है। विधायक बाला बच्चन के सवाल के दौरान उन्होंने राजस्व मंत्री को निर्देशित किया कि विधानसभा की प्रश्नोत्तरी छपने से पहले विभाग की ओर से जवाब भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। विधानसभा में राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने स्वीकार किया कि उनके विभाग के सवालों का उत्तर देने में कुछ अफसर लापरवाही करते हैं।

 

Dakhal News 6 March 2017

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