मध्यप्रदेश में घर-घर तक पहुँचेगी अक्षय ऊर्जा
मध्यप्रदेश  अक्षय ऊर्जा

 

 

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हर्ष सिंह ने कहा कि नई मध्यप्रदेश विकेन्द्रीकृत नवकरणीय ऊर्जा नीति-2016 के लागू होने से अक्षय ऊर्जा घर-घर तक पहुँच सकेंगी। उन्होंने बताया कि इस नीति का अनुमोदन  मंत्रि-परिषद् की बैठक में किया गया।

राज्य मंत्री  हर्ष सिंह ने बताया कि विकेन्द्रीकृत नवकरणीय ऊर्ज नीति का मुख्य उद्देश्य विकेन्द्रीकृत नवकरणीय ऊर्जा आधारित विद्युत परियोजनाओं में विकास को प्रोत्साहित करना है। ऊर्जा के पारम्परिक स्त्रोतों पर निर्भरता कम करने, कार्बन उत्सर्जन कम करने और भविष्य के लिए संवहनीय ऊर्जा समाधान विकसित करना भी है। शासन परिसरों में स्थापित की जाने वाली विकेन्द्रीकृत नवकरणीय ऊर्जा प्रणालियों को ग्रिड संयोजित संयंत्र जिसमें शुद्ध मापन के आधार पर, कुल मीटरिंग के साथ व्हीलिंग और बैंकिंग, बेस लोड आपूर्ति तथा ऑफ ग्रिड संयंत्र के आधार पर संचालित करने के प्रयासों को प्रोत्साहित करेगा। श्री सिंह ने कहा कि नीति के लागू होने से अक्षय ऊर्जा घर-घर तक पहुँच सकेगी।

शुद्ध मीटरीकृत नवकरणीय ऊर्जा संयंत्र

नई नीति में किसी परिसर में लगाए गए संयंत्र से उत्पादित की गई विद्युत की सबसे पहले उसी परिसर में ही खपत की जाएगी। अतिशेष विद्युत (यदि कोई हो) को ग्रिड में डाला जाएगा। यदि परिसर की विद्युत आवश्यकता,नवकरणीय प्रणाली से उत्पादित विद्युत से अधिक हो, तो अतिरिक्त विद्युत ग्रिड से ली जाएगी। इस प्रणाली में डिस्कॉम के साथ ऊर्जा का लेखांकन किया जाता है। इस प्रणाली में नवकरणीय ऊर्जा संयंत्र, मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग (ग्रिड संयोजित शुद्ध मापन) विनियम, 2015 में स्थापित और कार्यशील होंगे। ये संयंत्र हितग्राहियों के भवन संरचना या भूमि या उनके भाग या संयोजन पर स्थित हो सकेंगे।

कुल मीटरिंग के साथ व्हीलिंग एवं बैंकिंग

नीति में ग्रिड संयोजित नवकरणीय प्रणाली की स्थापना नवकरणीय ऊर्जा हितग्राही के परिसर में विद्युत को राज्य में कहीं भी प्रदाय किया जा सकता है। जिसमें वह परिसर भी शामिल है जहाँ विद्युत का उत्पादन किया गया है। इस प्रणाली में उत्पादित की गई विद्युत की आपूर्ति व्हीलिंग तथा बैंकिंग की व्यवस्था का उपयोग करते हुए परस्पर सहमति के आधार पर निर्धारित की गई शर्तो के अन्तर्गत की जाती है। ऐसी प्रणाली में उत्पादक, डिस्कॉम और उपयोगकर्ता (यदि अलग हो) के मध्य ऊर्जा का लेखांकन किया जाएगा। ऐसी नवकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति/खपत के लिये यह आवश्यक नहीं है कि विद्युत उत्पादक और उपयोगकर्ता, डिस्कॉम का रिटेल उपभोक्ता हो; ऐसा व्हीलिंग तथा बैंकिंग व्यवस्था के माध्यम से डिस्कॉम के साथ आपूर्ति संबंध से भी किया जा सकता है।

परिसर में जहाँ विद्युत का निर्यात सन्निहित न हो

नीति में विकेन्द्रीकृत नवकरणीय ऊर्जा नीति ऐसे नवकरणीय ऊर्जा के हितग्राही के लिए लागू होगी, जो नवकरणीय ऊर्जा प्रणाली की स्थापना इस प्रकार करता हो जिससे विद्युत की आपूर्ति उसी परिसर में ही ग्रिड-संयोजित भार को हो। इस व्यवस्था में किसी भी समय विद्युत का निर्यात परिसर के बाहर नहीं होगा। ऐसे प्रकरण में, नवकरणीय ऊर्जा हितग्राही तथा डिस्कॉम के मध्य नवकरणीय ऊर्जा का लेखांकन नहीं किया जाएगा।

ऑफ-ग्रिड नवकरणीय ऊर्जा प्रणालियाँ

विकेन्द्रीकृत नवकरणीय ऊर्जा नीति में ऐसे नवकरणीय ऊर्जा के हितग्राही पर लागू होगी, जो ऑफ-ग्रिड नवकरणीय ऊर्जा प्रणालियों की स्थापना ऐसे भारों को विद्युत प्रदाय करने के लिये करता है, जो किसी ग्रिड से संयोजित नहीं हैं।

'नेट मीटरिंग' पद्धति में हितग्राही को एनर्जी बैंकिंग का लाभ मिलेगा। अक्षय ऊर्जा के 'नेट मीटरिंग' आधारित संयंत्रों से उत्पादित ऊर्जा यदि परिसर की खपत से ज्यादा होती है, तो शेष ऊर्जा ग्रिड में फीड की जाती है। यदि परिसर की खपत, उत्पादित अक्षय ऊर्जा से ज्यादा है, तो शेष आवश्यक ऊर्जा की पूर्ति ग्रिड से की जाती है तथापि उपभोक्ता केवल ग्रिड से ली गई ऊर्जा का भुगतान करेगा। इस पद्धति में विशेष विद्युत मीटर स्थापित किए जायेंगे जो ऊर्जा आयात एवं निर्यात को एक ही समय में रिकार्ड कर सकेंगे।

इस नीति के लागू होने से अक्षय ऊर्जा की घर-घर तक पहुँच हो सकती है। योजना क्रियान्वयन में नवकरणीय ऊर्जा विभाग, हितग्राही से कोई भी पंजीयन शुल्क नहीं लेगा। राज्य शासन एवं केन्द्र सरकार द्वारा रूफ टॉप सौर प्रणालियों की स्थापना के लिए विभिन्न श्रे‍णी के हितग्राहियों को समय-समय पर घोषित अनुदान का लाभ भी दिया जाएगा।

 

Dakhal News 24 September 2016

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.