दुष्कर्म पीड़िता ने कर ली खुदकुशी
khudkashi

 

 

पुलिस कर रही थी मामले में लीपापोती

 

बिलासपुर पुलिस की लापरवाही व उदसीनता और आरोपी पक्ष से मिलीभगत के चलते कोटा में दुष्कर्म पीड़ित महिला ने बुधवार की सुबह सल्फास खाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस ने महिला के बेटे से सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसमें आरोपी व उसके रिश्तेदारों द्वारा प्रकरण वापस लेने व समझौता करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा था। वहीं पुलिस आरोपी को फरार बताकर लीपोपोती करने में जुटी थी।

 

जानकारी के अनुसार घटना कोटा थाना क्षेत्र की है। कोटा के पड़ावपारा निवासी 45 वर्षीय महिला ने बीते 19 जून को दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। महिला अपने पति की मौत के बाद से रोजी-मजदूरी कर जीवनयापन करती थी। बीते 16 जून की रात डब्बू ठाकुर उर्फ लक्ष्मीनारायण सोमवंशी ने उसे अपने ऑफिस के सामने बात की और मिलने के लिए बुलाया। रात में वह महिला को अकेली पाकर अपने ऑफिस के अंदर ले गया और शटर बंद कर धमकी देने लगा। इस दौरान उसने महिला से दुष्कर्म किया और इस घटना की जानकारी देने पर वह जान से मारने की धमकी देने लगा।

 

पीड़ित महिला डर के कारण वहां से चली गई। महिला की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी युवक डब्बू ठाकुर के खिलाफ धारा 376, 323, 342, 506 के तहत अपराध दर्ज कर लिया। लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की। स्थिति यह रही कि डेढ़ माह से आरोपी पुलिस की नजर में फरारी काट रहा था। वहीं इस बीच कोटा में खुलेआम घूम रहा आरोपी व उसके रिश्तेदार दुष्कर्म पीड़ित महिला को धमकी देकर समझौता कराने के लिए दबाव बनाते रहे। अंत तक महिला इस मामले में समझौता करने के लिए इनकार करती रही। उनकी धमकी व दबाव से महिला तंग आ गई थी। लिहाजा बुधवार सुबह करीब 5 बजे उसने सल्फास की गोलियां खा ली।

 

घर में महिला अचानक उल्टी करने लगी तो उसके बेटे ने अस्पताल पहुंचाया। कोटा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद उसे सिम्स रिफर कर दिया। सुबह करीब 10 बजे सिम्स में इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। इस घटना के बाद पुलिस व अफसर हरकत में आए। पुलिस ने महिला का मृत्युपूर्व बयान तो दर्ज नहीं कर पाया है।

 

लेकिन महिला ने अपने बेटे को सुसाइड नोट दी है, जिसमें पुलिस द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने व आरोपी डब्बू ठाकुर व उसके रिश्तेदार व सोसायटी के सेल्समैन रूपवंत सिंह और संतोष श्रीवास द्वारा प्रकरण में समझौता कराने के लिए दबाव बनाए जाने का जिक्र किया गया है। पुलिस ने सुसाइड नोट को जब्त कर लिया है। मामले में मर्ग कायम कर जांच की जा रही है।

 

 

महिला की मौत के बाद अब पुलिस अफसर इस गंभीर प्रकरण से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। कोटा पुलिस का कहना है कि इस मामले में आरोपी फरार था। उसकी पतासाजी की जा रही थी। लेकिन मामले की डायरी जांच के लिए महिला सेल में मंगा लिया गया था। महिला सेल इस मामले की जांच कर रही थी। बताया जा रहा है कि महिला सेल के अधिकारी भी दुष्कर्म पीड़ित महिला को परेशान कर रहे थे। बार-बार उसे महिला सेल बुलाकर प्रकरण में समझौता कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा था।

 

इस घटना के बाद मृतका महिला के परिजनों के साथ ही मोहल्लेवालों की भीड़ रात में कोटा थाने पहुंच गई। आक्रोशित परिजनों ने आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है। उनका आरोप है कि पुलिस की लापरवाही के चलते महिला की जान चली गई। उन्होंने आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर गुरुवार को शव रखकर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। इस बीच एडिशनल एसपी श्रीमती अर्चना झा व एसडीओपी शमशीर खान परिजन व मोहल्लेवालों को समझाइश देने व आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने करने की बात कहते रहे।

 

महिला की मौत के बाद परिजनों के साथ ही मोहल्लेवालों का आक्रोश भड़क गया है। उन्होंने महिला की मौत के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि पुलिस डेढ़ माह तक आरोपी को फरार बताती रही और समझौता कराने के लिए लीपोपोती करती रही। पुलिस आरोपी के प्रति सख्ती दिखाकर उसे गिरफ्तार कर लेती तो महिला को खुदकुशी करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता।

 

Dakhal News 4 August 2016

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