दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर विधानसभा स्थगित
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सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हुई तीखी नोंक-झोंक

 

 

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह विधानसभा के कार्यकारी नेता प्रतिपक्ष के काम को लेकर किए गए ट्वीट पर  सदन में कांग्रेस-भाजपा में जमकर बहस हुई। इसके चलते अध्यक्ष को आधे घंटे के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शून्यकाल में सदन की कार्यवाही के दौरान पाइंट आॅफ आर्डर के तहत किसी का नाम लिए बगैर कहा कि एक पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सदन के कामकाज पर बात करते हैं। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अजा के हैं और अच्छे विषयों को उठाते हैं लेकिन सदन के बाहर के लोग ट्विटर के माध्यम से बताते हैं कि क्या उठाएं या न उठाएं? क्या किसी पार्टी के महासचिव को यह अधिकार है कि वह यह बताए कि सदन में क्या उठाएं व क्या न उठाएं। उन्होंने कहा कि अजा के लोग अच्छे पदों पर बैठे हैं, इसलिए उनके विरुद्ध षड़यंत्र किया जा रहा है। पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि यह षड़यंत्र नहीं लोकतंत्र का अपमान है और सदन की अवमानना है। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि नरोत्तम ने जो पाइंट आॅफ आर्डर में कहा है, उस पर व्यवस्था को वे सुरक्षित रखते हैं। मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे ने भी संसदीय कार्य मंत्री मिश्रा का समर्थन किया।

 

कांग्रेस विधायक तरुण भनोट ने कहा कि आज अखबारों में पढ़ा है कि मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबूलाल गौर को बोलने से रोकें। यह विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है। भनोट का मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने विरोध किया और दोनों में बहस होने लगी।

 

फिर बिफरे गौर पर मंत्री मीणा

उद्यानिकी राज्यमंत्री सूर्यप्रकाशमीणा ने पूर्व मंत्री बाबूलाल गौर के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए कहा है कि गौर खुद को मंत्री पद से हटए जाने का दर्द पचा नहीं  पा रहे हैं लिहाजा वे सरकार के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि  विदिशा जिला इकाई बाबूलाल गौर के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाएगी । इसके लिए सिंरौज में एक बैठक का आयोजन कर निंदा प्रस्ताव पारित कर इसे प्रदेश इकाई को भेजा जाएगा। मीणा ने आज विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से चर्चा में कहा कि कर्ज लेना नियमित प्रक्रिया होती है। महाराष्ट सरकार में दो लाख करोड़ का तो यूपी सरकार ने ढाई लाख करोड़ का कर्ज लिया हुआ है। उन्होंने कहा कि कर्ज विकास के लिए लिया जाता है।

केंद्र के भेदभाव पर सदन में हंगामा, कांग्रेस का वॉकआउट

केंद्र से पेयजल से मिलने वाली राशि को लेकर  विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। इसे लेकर सत्ता-पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस और नोक-झोंक हुई। कांग्रेस का आरोप था कि पिछले दो सालों से केंद्र पेयजल के लिए पर्याप्त राशि नहीं मिल रही है। उसने प्रदेश सरकार पर पेयजल संकट से निपटने में अक्षमता का आरोप लगाते हुए सदन से वाकआउट कर दिया।

कांग्रेस के ओंकार सिंह ने पूछा था कि केन्द्र से पिछले तीन सालों में पेयजल के लिए कितनी राशि मिली है। मंत्री कुसुम मेहदेले ने कहा कि पिछले तीन सालों में पेयजल के लिए कुछ कम राशि जरूर मिली है पर प्रदेश में कही भी पेयजल संकट नहीं है। उनके इतना कहते ही कांग्रेस के अजय सिंह, रामनिवास रावत, जीतू पटवारी समेत अनेक सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए। उनका कहना था कि केंद्र से यूपीए सरकार की तुलना में अब प्रदेश को कम राशि मिल रही है पर पहले धरना और प्रदर्शन करने वाली प्रदेश सरकार अब खामोश है। अजय सिंह का कहना था कि पहले सीएम धरने पर बैठ जाते थे अब भी वह धरने पर बैठेंगे क्या। इस बीच मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि केन्द्र ने ग्रामीण पेयजल के लिए 14 अरब रुपए दिए हैं। भार्गव के बोलने पर कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति करते हुए कहा कि वे दूसरे मंत्री से जुड़े सवाल का जवाब क्यों दे रहे हैं। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि यह मामला उनके विभाग से भी जुड़ा हुआ है। कांग्रेस सदस्यों के इस मसले पर लगातार बोलने का भाजपा के नरेन्द्र सिंह कुशवाह, शंकरलाल तिवारी समेत अनेक सदस्यों ने प्रतिवाद किया। जिससे हंगामे की स्थिति बन गई। बाद में कांगे्रस ने यह कहते हुए सदन से वाकआउट कर दिया कि वे मंत्री के उत्तर से संतुष्ट नहीं है।

सरकार के इशारे पर बढ़े दालों के दाम

विधानसभा में कार्यकारी नेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन ने प्रदेश में दालों की कीमत में बढ़ोतरी के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जानबूझकर ऐसे हालात निर्मित किए कि लोग दाल महंगी खरीदने पर मजबूर हों। प्याज खरीदी के मामले में भी गड़बड़ी के आरोप बच्चन ने लगाए हैं। विधानसभा परिसर में मीडिया से चर्चा करते हुए कार्यकारी नेता प्रतिपक्ष बच्चन ने कहा कि प्रदेश में सरकार के इशारे पर दालों के रेट आसमान छू रहे हैं। इस मामले में जानकारी मांगने पर बताया गया कि जांच के बाद बीस हजार क्विंटल दाल पूरे प्रदेश में जब्त हुई थी उसमें नौ सौ क्विंटल ही नीलाम हुई है। उन्होंने कहा कि शासन ने पूरी दाल की नीलामी जानबूझकर नहीं कराई है ताकि दालों के रेट बढ़े रहें और जनता परेशान होती रहे।

तो जा सकते हैं कोर्ट: जीतू पटवारी

कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि सिंहस्थ को लेकर 90 सवाल लगाए गए हैं। इसमें से बीस सवाल उनकी ओर से लगे हैं। सरकार सही जानकारी नहीं दे रही है। अगर इस मामले में सही जानकारी नहीं मिली तो कोर्ट भी जा सकते हैं।मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि सिंहस्थ पर सदन में पर्याप्त चर्चा  हो रही है। एक सप्ताह से अधिक समय से इस पर चर्चा हो रही है। अब कुछ नहीं बचा है।

चिटफंड पर ब्रेक के लिए फइक के साथ बनेगी रणनीति: भूपेंद्र

गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा है कि चिटफंड कंपनियों का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए पुलिस अफसर जल्द ही भारतीय रिजर्व बैंक के अफसरों के साथ बैठेंगे और इन पर प्रभावी रोक लगाने के लिए रणनीति तय की जाएगी। आज विधानसभा में विधायक मुरलीधर पाटीदार के चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में कई चिटफंड कंपनियां लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रही है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक अपनी खानापूर्ति के बाद इन कंपनियों को लायसेंस देता है पर पुलिस के संज्ञान में यह भी आया है कि कई कंपनियां बिना लायसेंस के भी अपना कारोबार संचालित कर रही है। उन्होंने कहा कि इस पर लगाम लगाने के लिए विभाग गंभीर है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जल्द ही थानास्तर पर भी बैठकों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें जनप्रतिनिधियों के अलावा बैंक के अधिकारी भी शामिल होंगे। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी अपील की कि वे अपने क्षेत्र में इस तरह की कंपनी की जानकारी होने पर उसकी जानकारी पुलिस को दें। इस बीच शैलेन्द्र पटेल ने सुझाव दिया कि पीएचक्यू स्तर पर भी इसके लिए सेल बनाया जाना चाहिए, इस पर मंत्री ने समीक्षा करने का आश्वासन दिया।

Dakhal News 27 July 2016

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