सुनील 501 ने किया पाद प्रच्छालन
रवीन्द्र जैन
जैन समाज ने भोपाल में पहली बार संत शिरोमणी आचार्य विद्यासागर के महाराज के सानिध्य में बैठक वीर शासन जयंती महोत्सव मनाया। वीर शासन जयंती जैन समाज का नया वर्ष है क्योंकि इसी दिन भगवान महावीर की दिव्य ध्वनि खिरी थी और गौतम गणधर उनके शिष्य बने थे। 25सौ सड़सठ साल पहले यह घटना बिहार के राजगृही के विपुलाचल पर्वत पर घटित हुई थी।
दिगम्बर जैन मंदिर हबीबगंज में आयोजित वीर शासन जयंती का महत्व समझाते हुए आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने कहा कि भगवान महावीर 24वें और अंतिम तीर्थंकर हैं। जैन धर्म के अनुसार वर्तमान भगवान महावीर का शासनकाल है। आचार्यश्री ने कहा कि भगवान महावीर ने दिगम्बरी दीक्षा लेने के बाद 12 साल तक मौन साधना की थी। भगवान महावीर को केवल ज्ञान होने के बाद उनका समोषण सजने के बाद भी 66 दिन तक उनकी दिव्य ध्वनि सुनाई नहीं दी। तभी गौतम गणधर ने अपने 500 शिष्यों के साथ भगवान महावीर की वीतरागता से प्रभावित होकर उन्हें अपना गुरू स्वीकार किया था। गौतम गणधर के समोशरण में आते ही भगवान महावीर की दिव्य ध्वनि खिरने लगी। इस अवसर को जैन समाज वीरशासन जयंती और नववर्ष के रूप में मनाती आ रही है।
सुनील ने किया पाद प्रच्छालन
बुधवार को वीर शासन महोत्सव के अवसर पर भोपाल के जाने-माने व्यवसायी और जैसवाल जैन समाज के अध्यक्ष सुनील जैन 501 एवं प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. आरके जैन ने आचार्य विद्यासागर जी महाराज के पाद प्रच्छालन किए। भोपाल जैन समाज के अध्यक्ष प्रमोद जैन हिमांशु एवं ब्रह्मचारी अविनाश जैन को आचार्यश्री की पूजन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। बुधवार को राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष बाबूलाल जैन, रीवा कलेक्टर राहुल जैन, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शोभित जैन ने आचार्यश्री को श्रीफल भेंट कर उनसे आशीर्वाद लिया। बुधवार को कार्यक्रम का संचालन मनोज जैन एमके इंडिया ने किया।
बुंदेलखंडी पूजा पर झूमे भक्त
बुधवार को आचार्य विद्यासागर जी महाराज की पूजन संगीत के साथ बुंदेलखंडी भाषा में की गई। खड़ी भाषा और भक्ति से साराबोर बुंदेलखंडी शब्दों को सुनकर न केवल भक्त जमकर झूमे, स्वयं आचार्यश्री और मुनिगण भी बुंदेलखंडी पूजन के भाव सुनकर मुस्कराएं बगैर नहीं रह सके।