बारिश और बाढ़ से बेहाल मध्य्प्रदेश
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नदी,नाले उफ़ान पर  जन जीवन अस्तव्यस्त 
 
 
 
बीते चार दिनों से हो रही लगातार बारिश से मध्यप्रदेश में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लेकिन अभी इसके थमने के आसार नहीं है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में और भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। मध्यप्रदेश में हो रही अतिवृष्टि के मद्देनजर मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रियों के साथ की पिकनिक कैंसिल कर दी है। जिले के कलेक्टरो  से वीडियों कांफ्रेंसिंग करके बारिश और बाढ़ के हालात को जाना और आवश्यक दिशा निर्देश दिये है | बारिश से आठ लोगों की मौत  हो गई। भोपाल के निचले इलाकों सहित 20 शहरों सहित सात सौ गावों में जन जीवन पूरी तरह अस्तव्यस्त हो चुका है। 
 
मौसम विभाग का कहना है कि भोपाल सहित प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है। जिन जगहों पर भारी बारिश की संभावना है उनमें सागर, दमोह, सतना, पन्ना, छतरपुर, विदिशा, भोपाल, रायसेन, होशंगाबाद, राजगढ़, आगर, शाजापुर, अशोकनगर, जबलपुर, नरसिंहपुर आदि शामिल हैं। दूसरी ओर, लगातार बारिश से बुंदेलखंड, महाकौशल और बघेलखंड के अधिकांश इलाकों में नर्मदा, पार्वती, चंबल, केन, तवा, तमस और सुनार नदियां उफान पर पर हैं। 
 
कई बांध टूट गये हैं तथा गांव के गांव जलमग्न हो रहे हैं। यातायात ठप हैं तथा लोगों को नमक-तेल के लिए भी तरसना पड़ रहा है। सतना में करीब तीन सौ गांवों में पानी घुस गया है जहां सेना ने लोगों को बचाने के लिए मोर्चा संभाला हुआ है। टीकमगढ़ और सीहोर के कलेक्टर ने स्कूलों की दो दिन के लिए छुट्टी घोषित कर दी है। वर्षा और बाढ़ प्रभावित जिलों में कलेक्टरों ने निगरानी बढ़ा दी हैं। वहीं रेलवे प्रशासन ने बारिश के खतरों से निबटने के लिए अलर्ट कर दिया है।  विदिशा में भारी बारिश से सोयाबीन की फसल लगभग चौपट हो गई है। किसानों के अनुसार ज्यादा पानी भरा रहे तो फसल गलने और सड़ने लगेगी।    
 
भोपाल-छतरपुर, पन्ना, सतना से सड़क संपर्क टूटा गया है ।सतना के माधवगढ़ और कृपालपुर में कई गांव डूबे, सेना ने 12 लोगों को बचाया। उचेहरा के धनेह में तालाब फूटने से आधा दर्जन घर गिरे। दमोह की व्यारमां नदी का जल स्तर बढ़ने से घटेरा गांव खाली कराया। सुनार नदी में उफान से कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। राहत शिविरि लगाए।
 
बारिश के पानी को रोकने के लिए जो बांध बनाए गए थे वो पहली ही बारिश में बह गए। इनमें से एक सेरोह बांध इटवा गांव में 27 करोड़ की लागत से बनवाया गया था। दूसरा बांध बिलपुरा गांव में 11 करोड़ की लागत से बनाया गया था। दोनों बांध जल संसाधन विभाग ने बनवाए थे।  कहा जा रहा है कि घटिया निर्माण की वजह से ये बांध पहली ही बारिश में बह गए। जिन इलाकों में ये बांध बनाए गए थे उनके आसपास बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं।
 
 मध्यप्रदेश के सरकार ने उठाए कुछ कदम 
मध्यप्रदेश में हो रही अतिवृष्टि के मद्देनजर मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रियों के साथ की पिकनिक कैंसिल कर दी है। जिले के कलेक्टरो  से वीडियों कांफ्रेंसिंग करके बारिश और बाढ़ के हालात को जाना और आवश्यक दिशा निर्देश दिये है | 
 
वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है और प्रभावित क्षेत्रो मे राहत एवं बचाव कार्य तेज़ी से जारी है |मुख्यमंत्री  चौहान ने रविवार को होने वाली मंत्रियों की पिकनिक और बैठक को स्थगित करते हुये सभी मंत्री,विधायकों को अपने अपने क्षेत्र मे मुस्तैद रहकर बचाव कार्य मे जुटने के निर्देश दिये है | 
सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए हर जिले में आपातकालीन संचालन केंद्र गठित किए है| जल जमाव क्षेत्रो मे सफाई का कार्य तेज़ी से चल रहा है तो वही स्वास्थय विभाग की ज़िम्मेदारी को भी सुनिश्चित किया गया है | 
बाढ़ राहत के लिए  प्रदेश में होमगार्ड के 366 रेसक्यू सेंटर के साथ विशेष रूप से एसडीआरएफ के 108 प्रशिक्षित जवान उपकरणो सहित तैनात किये  गए है | एनडीआरएफ की भी एक विशेष टीम भोपाल मे मौजूद रहेगी | बाढ़ जल भराव और मौसमी बीमारियों से बचाव राहत के लिए सरकार द्वारा जारी हेल्प लाईन नंबर 1079 तथा राहत आयुक्त से2441419 पर सीधा संपर्क किया जा सकता है |
Dakhal News 9 July 2016

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