ओंकारेश्‍वर में बनेगा अदभुत-भव्य मंदिर
ओंकारेश्‍वर अदभुत-भव्य मंदिर

 मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने गुरूवार को सपत्निक प्रसिद्ध ओंकारेश्वर मंदिर में पूजा अर्चन और जलाभिषेक कर दर्शन किये। मुख्यमंत्री ने प्राचीन ओंकारेश्वर महादेव मंदिर की भौगोलिक स्थितियों को वहाँ के पंडितों, वास्तुकार और अधिकारियों से जाना।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पूर्व में मंदिर का जीर्णोद्धार करने वाले श्री घनश्याम भाई सोमपुरा से जानकारी प्राप्त की। श्री चौहान ने कहा कि यह सर्वमान्य सत्य है कि नन्दी के सामने ही शिवालय हो। परमार काल के बाद ओंकारेश्वर महादेव मंदिर के कई बार जीर्णोद्धार कार्य किये गये हैं। प्राचीन ओंकारेश्वर महादेव मंदिर से जुड़े सभी तथ्यों को जानकर नवीन संकल्पना के आधार पर अदभुत मंदिर का निर्माण किया जायेगा। श्री चौहान ने वास्तुकार और उच्च अधिकारियों के साथ पूरे मंदिर के हर एक हिस्से में पहुँचकर वास्तविक स्थितियों का भी मूल्यांकन किया। इस दौरान संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव, वास्तुकार श्री नितिन श्रीमाली और मंदिर के पुजारी, संत-महात्मा उपस्थित थे।

विष्णुपरी, ब्रह्मपुरी और ममलेश्वर के बीच आकाश मार्ग बनेगा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ओंकारेश्वर महादेव मंदिर से माँ नर्मदा नदी के दूसरे छोर पर बने मंदिरों के बारे में पंडितों से जानकारी प्राप्त की। श्री चौहान ने विष्णपुरी, ब्रह्मपुरी और ममलेश्वर का इतिहास जानने के बाद आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए इन तीनों स्थान के मध्य आकाश मार्ग बनाने की योजना बनाने के निर्देश दिये। इससे श्रद्धालुओं को अलौकिकता का एहसास होगा।

ओंकार पर्वत सघन वनमय होगा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ओंकार महादेव मंदिर के प्राचीन वैभव और वास्तु-कला को देखकर नयी रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने पूरे ओंकार पर्वत को सघन वन से आच्छादित करने को कहा। श्री चौहान ने कहा कि एक ही दिन में पूरी पहाड़ी पर पौधारोपण करने की तैयारी आज से ही शुरू की जाये। बताया गया कि पहाड़ी पर पौधारोपण के लिये 25 हजार पौधे तैयार कर लिये गये हैं। पौधारोपण के लिये छायादार और शीघ्र ही पनपने वाले पौधों का चयन किया गया है।

आदि शंकराचार्य गुफा चित्रमयी होगी

श्री चौहान ने आदि शंकराचार्य की गुफा में पूजन-अर्चन भी किया। उन्होंने प्रमुख सचिव संस्कृति श्री मनोज श्रीवास्तव से कहा कि गुफा के हिस्से में शंकराचार्य के जीवन और उनके जीवन मूल्यों पर आधारित चित्र उकेरने का काम किया जाये। गुफा के अलावा किसी अन्य स्थान पर भी शंकर संग्रहालय बनाने की संकल्पना तैयार करें। श्री चौहान ने कहा कि गुफा के मूल स्तंभ जैसे हैं वैसे ही रहें और इन पत्थरों को जोड़कर सोन लोहा से सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर निर्माण कार्य करने के निर्देश दिये।

Dakhal News 9 February 2017

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