Dakhal News
19 May 2024अमिताभ उपाध्याय
जहाँ कभी भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान पोषक राजा मानसिंह तोमर, उनकी प्रेयसी मृगनयनी और सुर सम्राट तानसेन, बैजू बाबरा जैसे नाद व्रह्म के अमर साधकों की संगीत महफ़िल जमती थी, उसी गूजरी महल में सदियों के बाद फिर से संगीत सभा सजी। इस साल के तानसेन संगीत समारोह की आखिरी एवं सांयकालीन सभा गूजरी महल में आयोजित हो रही है।
सभा का आगाज़ राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के ध्रुपद गायन से हुआ है।ताल चौताल और राग "यमन" में निबद्ध बंदिश के बोल हैं " चरनन सुख चिरंजीव"। यह वही ध्रुपद रचना है, जिसे गान मनीषी तानसेन ने रीवा महाराज रामचंद्र में गाया था।
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21 December 2016
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