गूजरी महल की प्राचीर से गूंजीं स्वर लहरियाँ
अमिताभ उपाध्याय

अमिताभ उपाध्याय 

जहाँ कभी भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान पोषक राजा मानसिंह तोमर, उनकी प्रेयसी मृगनयनी और सुर सम्राट तानसेन, बैजू बाबरा जैसे नाद व्रह्म के अमर साधकों की संगीत महफ़िल जमती थी, उसी गूजरी महल में सदियों के बाद फिर से संगीत सभा सजी। इस साल के तानसेन संगीत समारोह की आखिरी एवं सांयकालीन सभा गूजरी महल में आयोजित हो रही है। 

सभा का आगाज़ राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के ध्रुपद गायन से हुआ है।ताल चौताल और राग "यमन" में निबद्ध  बंदिश के बोल हैं " चरनन सुख चिरंजीव"। यह वही ध्रुपद रचना है, जिसे गान मनीषी तानसेन ने रीवा महाराज रामचंद्र में गाया था।

 

Dakhal News 21 December 2016

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