नर्मदा घाटों में बनेंगे विसर्जन कुण्ड
मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान

शिवराज सिंह चौहान ने किया जन-संवाद 

मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नर्मदा के तटीय नगरों में जल-शुद्धिकरण के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाये जायेंगे। इन प्लांटों से गंदे पानी के जल-मल को अलग कर स्वच्छ पानी किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए उपयोग किया जायेगा। नर्मदा के घाटों पर पूजन सामग्री एवं प्रतिमा विसर्जन के लिए विसर्जन कुण्ड बनाये जायेंगे। इसी प्रकार तटों पर प्रदूषण रोकने के लिए मुक्तिधाम बनाये जायेंगे। मुख्यमंत्री  मण्डला जिले के ग्राम चाबी में 'नमामि देवि नर्मदे'' सेवा यात्रा के अवसर पर जन-संवाद कर रहे थे। इस अवसर पर लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री एवं मण्डला जिले के प्रभारी श्री संजय-सत्येन्द्र पाठक, विधायक श्री रामप्यारे कुलस्ते, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती संपत्तिया उइके, जन-अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री प्रदीप पांडे और साध्वी प्रज्ञा भारती, साधु संत एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा जीवन-दायिनी है। नर्मदा तट के लोग इसकी गोद में पले-बढ़े हैं। प्रदेश के 30 प्रतिशत से अधिक लोग नर्मदा से अपनी प्यास बुझा रहे हैं। नर्मदा ने जल, जीवन एवं अन्य प्राकृतिक भंडार फल-फूल-सब्जी के साथ म.प्र. को बिजली जैसे सब चीजें दी किन्तु हमने उसके तट के ही वृक्ष काट डाले, जंगल काट डाले। यह पेड़-पौधे जंगल के वृक्ष जो पानी सोखकर बूँद-बूँद कर जल नदियों में देते थे उन्हें ही नष्ट कर जल-स्तर कम कर नदियों का बहना बंद कर दिया। यदि यह नहीं रूका तो नर्मदा का प्रवाह बंद होने से मध्यप्रदेश भी सुरक्षित नहीं रहेगा। इसी उद्देश्य से नर्मदा संरक्षण एवं संवर्धन के लिए यात्रा आयोजित की जा रही है। नर्मदा के दोनों तटों पर सरकारी, वन भूमि एवं किसानों की निजी भूमि में पेड़ लगाये जायेंगे और वे पेड़ ऐसे होंगे जो तट के कटाव को रोकेंगे। उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसल वाले खेतों में नर्मदा के किनारे दोनों तट पर फलदार पौधे लगायें। किसानों को फलदार पौधे में फल आने तक प्रति वर्ष 20 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा दिये जाने का प्रावधान किया गया है। फल आने के बीच किसान अपनी जमीन पर अन्य फसल भी ले सकेंगे। किसानों को पेड़ लगाने की मजदूरी भी शासन देगा। नर्मदा के दोनों तट पर पौधे लगाना ही इस यात्रा का उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि अभी तक मण्डला जिले में 6,376 किसानों ने पेड़ लगाने का संकल्प ले लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा की जब योजना बनी तब ऐसा लग रहा था कि यह अभियान कौन चलाएगा? तब जन-अभियान परिषद एवं साधु-संतों ने इसकी शुरूआत का आश्वासन दिया और अब मात्र दस दिनों में लोगों के समूह के समूह यात्रा के साथ हैं। यात्रा का संयोजन तो सरकार ने किया किन्तु अब समाज ने इसे अपने हाथ में ले लिया है। मुख्यमंत्री ने बेटी बचाने के संदेश को देते हुए कहा कि आज भी माताएँ हेण्डपंप से पानी लाने बेटे को नहीं बेटियों को भेजती है। उन्होंने कहा कि नर्मदा के तटीय क्षेत्रों में सरकार पाइप लाइन डालकर जल प्रदाय करेगी। अब बेटी हेण्डपंप नहीं चलायेगी। उन्होंने नागरिकों को बेटी और बेटे में समानता का भाव रखने की सलाह देते हुए कहा कि यदि बेटी नही बचाओगे तो बहू कहाँ से लाओगे। इसका संतुलन जरूरी है यदि असंतुलन हुआ तो सृष्टि नहीं चलेगी। बेटियों के लिए शासन ने जन्म से उनके विवाह तक की सुविधाएँ दी हैं। अब पुलिस में भी 33 प्रतिशत पदों पर बेटियों की भरती होगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लोगों को नशा नहीं करने की सलाह दी। इससे प्रेरित होकर लगभग 150 लोगों ने नशा नहीं करने का संकल्प लिया। जन-संवाद के दौरान ही उपस्थित जन-समूह को मुख्यमंत्री द्वारा नर्मदा के संरक्षण एवं संवर्धन का संकल्प दिलाया गया। प्रारंभ में मुख्यमंत्री सहित अतिथियों ने नर्मदा सेवा यात्रा के ध्वज का पूजन कर माँ नर्मदा की आरती की। मंच पर मुख्यमंत्री द्वारा कन्या-पूजन एवं साधु-संतों का शाल-श्रीफल एवं फूल-मालाओं से स्वागत किया गया।

 

Dakhal News 21 December 2016

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