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25 April 2024हमला पुलिस ट्रेनिंग सेंटर पर देर रात किया गया
पाकिस्तान में बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर पर सोमवार देर रात आतंकी हमला हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हमले करीब 60 पुलिस ट्रेनी और अफसरों की मौत हुई है। 118 घायल हैं। सेना की वर्दी में चेहरे पर नकाब लगाकर आए इन आतंकियों के हाथ में कलाश्निकोव गन थी। कहा जा रहा है कि आतंकियों ने पुलिसवालों को बंधक बना लिया था। जवाबी कार्रवाई में हमला करने वाले तीनों आतंकी मारे गए। तीनों ने सुसाइड जैकेट पहन रखी थी। हमले के वक्त कैम्पस में 700 पुलिस कैडेट्स मौजूद थे।
आतंकियों ने क्वेटा के सरयाब रोड पर मौजूद ट्रेनिंग सेंटर के हॉस्टल में रात 11:10 बजे हमला बोला। हमले के वक्त कैम्पस में करीब 700 पुलिस कैडेट्स थे। कैम्पस में आतंकियों के घुसने के बाद वहां कम से कम 5 धमाकों की आवाज सुनी गई।बलूचिस्तान के होम मिनिस्टर मीर सरफराज बुगती ने बताया कि हमले के बाद पाक आर्मी ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया, जिसमें वहां से करीब 250 ट्रेनी पुलिसकर्मियों को सुरक्षित निकाला गया।
इस कैम्पस में आते ही फिदायीन आतंकियों ने की थी कुछ अफसरों को बंधक बनाने की कोशिश। बुगती ने बताया कि खुद को मुश्किल में देखकर दो आतंकियों ने खुद को ब्लास्ट करके उड़ा लिया, जबकि एक सिक्युरिटी फोर्स की गोली से मारा गया।
फ्रंटियर कॉर्प्स के आईजी मेजर जनरल शेर अफगान ने बताया कि तीनों हमलावरों ने सुसाइड जैकेट पहन रखी थी।वे सेना की वर्दी में कलाश्निकोव गन लेकर आए थे। एक कैडेट ने बताया, "मैंने तीन लोगों को सेना की वर्दी में देखा। उनके हाथों में कलाश्निकोव थी और उनके चेहरे ढंके हुए थे।उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी और डॉर्मेट्री में दाखिल हो गए। मैं दीवार फांदकर बाहर आने में कामयाब हो गया।"
मेजर जनरल शेर अफगान के मुताबिक, माना जा रहा है कि तीनों हमलावर आतंकी गुट लश्कर-ए-झांगवी के थे। यह पाकिस्तान तालिबान से जुड़ा आतंकी गुट है। उन्होंने कहा कि हमलावर अफगानिस्तान में बैठे उनके साथियों के कॉन्टैक्ट में थे। उनसे इंस्ट्रक्शन ले रहे थे।बुगती ने बताया कि ट्रेनिंग सेंटर का कैम्पस चार घंटे के भीतर खाली करा लिया गया। सर्च ऑपरेशन अभी चल रहा है।घायलों में ज्यादातर पुलिस कैडेट्स हैँ, जिन्हें क्वेटा के सिविल हॉस्पिटल, बोलन मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल और मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। इनमें से कुछ की हालत गंभीर है।दो दिन पहले यहीं 2 कोस्ट गार्ड को मारा गया था।
बलूचिस्तान में आतंकी सिक्युरिटी फोर्सेस और सरकारी दफ्तरों पर कई हमले कर चुके हैं। यहां एक दशक से ज्यादा वक्त से बगावत चल रही है। यहां कई लोगों को मारा गया है।
पाकिस्तान पर इस साल का यह तीसरा सबसे बड़ा आतंकी हमला है। इससे पहले 27 मार्च को गुलशन-ए-इकबाल पार्क पर हुए फिदायीन हमले में कम से कम 74 लोगों की मौत हुई थी। 338 घायल हुए थे। इसी साल अगस्त में क्वेटा के सिविल हॉस्पिटल पर फिदायीन हमला हुआ था, जिसमें 73 लोगों की मौत हुई थी। इनमें से ज्यादातर वकील थे। बलूचिस्तान पाकिस्तान का अशांत क्षेत्र है। काफी लंबे वक्त से वहां संघर्ष जारी है। यह हमला उस वक्त हुआ, जब पाकिस्तान ने करीब 500 से ज्यादा आतंकियों के बैंक खाते फ्रीज किए। हमले की क्या वजह थी और इसके पीछे कौन संगठन है, इस बात का अभी पता नहीं चल पाया है।
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25 October 2016
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