ड्रम्स ऑफ मध्यप्रदेश को राज्य संगीत की मिलेगी पहचान
ड्रम्स ऑफ मध्यप्रदेश

संस्कृति के संज्ञान और अनुभूतियों की ध्वनियाँ हुईं गुंजायमान  

मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ड्रम्स ऑफ मध्यप्रदेश को राज्य संगीत के रूप में पहचान दिलाई जायेगी। इसके आयोजन नियमित रूप से करवाये जायेंगे। श्री चौहान इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2016 के शुभारंभ दिवस की संध्या में उपस्थित जन को संबोधित कर रहे थे। संध्या का संयोजन संस्कृति विभाग द्वारा नक्षत्र गार्डन में किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी  साधना सिंह भी मौजूद थीं।

मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा कि ड्रम्स ऑफ मध्यप्रदेश की प्रस्तुति अदभुत है। इसमें मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक परम्पराओं को अत्यंत प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने देश-दुनिया में प्रदेश की लोक संस्कृति को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करने के लिये कलाकारों की सराहना की। कलाकारों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लोक कलाकारों को प्रोत्साहित करने के प्रभावी प्रयास करेगी।

कार्यक्रम में संस्कृति के संज्ञान और अनुभूतियों की ध्वनियों से श्रोताओं ने प्रदेश की लोक एवं जनजातीय अस्मिता के संगीत, विशेष रूप से उसके मर्म और जीवन की लय को महसूस किया।

सांस्कृतिक संध्या में ड्रम्स ऑफ मध्यप्रदेश अर्थात मध्यप्रदेश की नाद ध्वनि की परिकल्पनाएँ साकार हुई। संध्या में साउण्ड ऑफ द सोल के प्रयोग के विख्यात कलाकार कोलकाता के श्री तन्मय बोस की तबला वादन के साथ-साथ ताल एवं नाद की अनूठी और विलक्षण संयोजना प्रस्तुत की गई।

ड्रम्स ऑफ मध्यप्रदेश में मध्यप्रदेश की भील, कोरकू, गोंड, भारिया जनजातियों एवं निमाड़, मालवा और बुन्देलखण्ड के पारम्परिक लोक वाद्यों के साथ लगभग 40 मिनिट की प्रस्तुति ने श्रोताओं को मंत्र-मुग्ध कर दिया। प्रस्तुति में लगभग 80 कलाकार शामिल हुए, जो बुन्देलखण्ड, मालवा, निमाड़ और जनजातीय बहुल क्षेत्रों मण्डला-डिण्डोरी से आये थे।

 

Dakhal News 23 October 2016

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