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19 May 2024विजयदशमी रैली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ [आरएसएस] प्रमुख मोहन भागवत ने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि देश धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। इस साल दशहरा कुछ खास है। जीवन में जो सीखा उस पर गर्व करें। बता दें कि आज आरएसएस का स्थापना दिवस है और संघ के 91 साल पूरे हो गए।
भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि देश में अभी का शासन काम करने वाला है, उदासीन नहीं। देश धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। कश्मीर पर संसद का संकल्प सबसे बेहतर है। अपने संबोधन में भागवत ने कश्मीर मुद्दे से लेकर देश के भीतर गोरक्षा पर चल रहे विवाद को भी शामिल किया। इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार और भारतीय सेना की भी सराहना की।
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि मुजफ्फराबाद, गिलगित, बाल्टिस्तान समेत पूरा कश्मीर भारत का है। कश्मीर में हंगामा करने वालों का प्रभाव बहुत कम है। उपद्रवियों से सख्ती से निपटना होगा। हुड़दंगियों को सीमा पार से मदद मिलती है। सीमा पार से उपद्रवियों को उकसाया जाता है। उन्होंने पीओके में आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमलों (सर्जिकल स्ट्राइक) को लेकर भारतीय सेना की सराहना की और कहा कि सेना ने हिम्मत का काम किया है। सेना ने पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया है। इससे दुनिया में भारतीय सेना की प्रतिष्ठा बढ़ी है। भागवत ने सर्जिकल स्ट्राइक पर पीएम मोदी की तारीफ की और कहा कि यशस्वी नेतृत्व ने पाकिस्तान को दुनिया में अलग-थलग किया है। उन्होंने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार के नेतृत्व ने एक सराहनीय कार्य किया है। सेना ने भी हिम्मत का काम किया है। लेकिन हमारी सीमाओं की हिफाजत पूरी तरह से होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सीमा की सुरक्षा में एक पल की भी ढिलाई हमें महंगी पड़ सकती है। सीमा पर कुछ लोग हथियारों की तस्करी, जासूसी में लिप्त है। सीमा पर कुछ आपराधिक शक्तियां उपद्रव करती हैं। घुसपैठ कैसे हो जाती है, कौन उन्हें देश के अंदर आने में मदद करता है। घुसपैठ को लेकर राज्यों को भी अलर्ट रहना होगा। देश की सेना पूरी तरह से लैस होनी चाहिए। कश्मीर का अधिकांश हिस्सा तनावमुक्त है। जो भी हिंसा की गतिविधियों में लिप्त हैं, हमें उनके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। सख्त एक्शन लेना होगा।
संघ प्रमुख ने कहा कि कश्मीर में विस्थापितों को हक मिलना चाहिए। कश्मीर में इतना पैसा केंद्र से जाता है, वो कहां जाता है लोग जानना चाहते हैं। मोहन भागवत ने स्वयंभू गोरक्षकों का बचाव किया और कहा कि असामाजिक तत्वों तथा कानून का पालन करने वाले गोरक्षकों के बीच अंतर को समझा जाना चाहिए. गौरतलब है कि गोरक्षकों और उनके कृत्यों की वजह से पिछले कुछ महीनों के दौरान कई हिंसक घटनाएं हुई हैं.गोरक्षा से जुड़े लोग समाज के भले नागरिक हैं। मामूली घटनाएं बढ़ा चढ़ाकर पेश की जाती हैं। विरोधियों का काम कमियां निकालना है। भागवत ने कहा कि दुनिया में ऐसी भी ताकतें हैं जो भारत को आगे बढ़ने नहीं देना चाहती हैं। हमारे यहां के स्वार्थ के कारण ऐसे लोगों को यहां समर्थन भी मिल जाता है। उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में विरोधी दल सरकार की नीतियों की आलोचना करते हैं, जो गलत नहीं है लेकिन कभी कभी ऐसी घटनाएं घटती हैं जो नहीं होनी चाहिए।
भागवत ने कहा कि स्वार्थी शक्तियां उसको लाभ लेती हैं। हमें अपने समाज को इतना सजग बनाना होगा ताकि वो ऐसी शक्तियों को लाभ न लेने दे।
विजयदशमी के मौके पर संघ के सभी पदाधिकारी समेत समस्त कार्यकर्ता अपनी नई ड्रेस में मौजूद रहे। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणनवीस भी वहां मौजूद थे।
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11 October 2016
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