निजी मंडी की बात कर किसानों की लूट की छूट को बढ़ावा दे रही शिवराज सरकार : माकपा
भोपाल। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने शुक्रवार को मीडिया को जारी अपने बयान में कहा है कि जब पूूरे देश के किसान मंडी व्यवस्था को खत्म किए जाने के खिलाफ आंदोलन कर दिल्ली को चारों दिशाओं से घेरे हुए हैं, तब शिवराज सरकार की ओर से निजी मंडियां खोलने की बात कर न केवल अपने किसान विरोधी चरित्र को उजागर किया है।
उन्होंने कहा है कि इस समय पूरे प्रदेश की मंडियों में किसानों की लूट मची हुई है। उत्तरी मध्यप्रदेश में बाजरा और धान उत्पादक किसान अपनी फसलों को औने-पौने दामों पर बेचने के लिए मजबूर है। वहीं निमाड़ में कपास उत्पादक किसान अपनी फसल का वाजिब दाम नहीं मिल रहे हैं। नीमच में प्याज उत्पादक मंडियों में अपना प्याज फैलाने को मजबूर हैं। मक्का उत्पादक किसानों की लूट हो रही है। तब प्रदेश की भाजपा सरकार इस लूट को रोकने और किसानों की फसल की खरीद को सुनिश्चित कर उनकी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की गांरटी देने की बजाय निजी मंडियों की व्यवस्था कर इस लूट को संस्थागत रूप देना चाहती है।
माकपा राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने कहा है कि जब पूरे देश को किसान मंडी व्यवस्था को खत्म करने के केंद्र सरकार के निर्णय के विरोध में एक सप्ताह से दिल्ली घेर कर बैठा है और मंडी व्यवस्था को मजबूत करने की बात कर रहा है, तब शिवराज सरकार का यह निर्णय किसानों को उत्तेजित कर आग में घी डालने का काम करेगा। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि शिवराज सरकार को इस निर्णय को तुरंत वापस लेना चाहिए, अन्यथा किसान दिल्ली के साथ साथ शिवराज सरकार को भी इस निर्णय को वापस लेने के लिए बाध्य करेंगे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक दिन पहले यानी गुरुवार को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत पांच लाख किसानों के खातों में 100 करोड़ रुपये सिंगल क्लिक के माध्यम से ट्रांसफर किये थे। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में प्रदेश में निजी मंडियां खोलने की बात कही थी। इसी को लेकर माकपा ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है।