भोपाल/इंदौर। मध्यप्रदेश के अन्य शहरों में कोरोना संक्रमण का फैलाव रुक गया है, लेकिन इंदौर में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी चिंतित हैं। उन्होंने सोमवार को देर शाम वीडियो काफ्रेंसिंग के जरिये इंदौर कलेक्टर से शहर की जानकारी ली। इसके बाद सीएम ने मंगलवार सुबह भी फोन पर कलेक्टर मनीष सिंह से पूरा फीडबैक लिया और उन्हें हर तरह की शासन से मदद भिजवाने की बात भी कही। वहीं, मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए कलेक्टर मनीष सिंह को फ्री हैंड भी दे दिया है। वे इसकी रोकथाम के लिए अब हर तरह का निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं।
बता दें कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक मरीज इंदौर में ही मिले हैं। यहां अब तक 44 मरीज कोरोना पॉजीटिव पाए गए हैं। कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लापरवाही के चलते ही यहां कलेक्टर और डीआईजी का दो दिन पहले तबादला किया गया था और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने भरोसेमंद अधिकारी मनीष सिंह को इंदौर कलेक्टर और हरिनारायण चारी मिश्रा को डीआईजी बनाकर भेजा है। मुख्यमंत्री ने इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह से सोमवार को देर शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चर्चा कर सख्ती से लॉकडाउन का पालन करवाने के निर्देश दिये। वहीं, मंगलवार सुबह भी मुख्यमंत्री ने काफी देर तक कलेक्टर मनीष सिंह से फोन पर चर्चा की और शहर के वर्तमान हालातों की जानकारी ली।
कलेक्टर ने मुख्यमंत्री को 17 और नये मरीजों के पॉजिटिव पाये जाने की जानकारी दी, तो मुख्यमंत्री ने उन्हें हर तरह की मदद करने की बात कही, जिसमें शासन की ओर से पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराने से लेकर काबिल अफसरों की तैनाती और जनप्रतिनिधियों से भी पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि संकट की इस घड़ी में पूरा प्रशासन मुस्तैदी से जुटा हुआ है और हम जल्द ही कोरोना पर काबू पा लेंगे।
इंदौर में सात दिन रहेगी सख्ती
इंदौर में बीते 2 दिनों से पुलिस प्रशासन ने लॉकडाउन और कफ्र्यू के मामले में सख्ती कर रखी है। हालांकि, सोमवार शाम को दूध वितरण के लिये 2 घंटे की जो ढील दी गई थी, उसका भी लोगों ने दुरुपयोग किया और भीड़ के रूप में सडक़ों पर उतर आये, जिसके चलते मंगलवार सुबह घरों तक ही दूध पहुंचाने के इंतजाम किये गये, क्योंकि कोरोना मरीजों की संख्या बढऩे के चलते अब प्रशासन का कहना है कि 7 दिनों तक सख्ती रहेगी। कोई भी व्यक्ति अपने घर से बाहर न निकले।
कलेक्टर मनीष सिंह ने सोमवार को ही इंदौर को टोटल लॉकडाउन कर सभी तरह आपूर्ति और सेवाओं पर रोक लगा दी थी, लेकिन नागरिकों की मांग पर शाम पांच से सात बजे तक दूध की सप्लाई की छूट दी गई थी। दो घंटे दूध वितरण की छूट मिलने पर लोग घरों से निकल पड़े और सडक़ों पर भीड़ जमा हो गई। इसे देखते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने फिर सख्ती से दूध की सप्लाई पर भी रोक लगा दी और आदेश दिया कि अब लोगों के घरों पर दूध का वितरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले 7 दिन इसी तरह की सख्ती कायम रहेगी और दूध घरों तक पहुंचाया जायेगा। मंगलवार सुबह से इसकी व्यवस्था भी की गई है। प्रयास यह भी किये जा रहे हैं कि लोगों को अधिक से अधिक दूध पावडर के पैकेट दिये जायें, ताकि वे अगले 4-5 दिन घर पर ही दूध तैयार कर सकें।
इधर डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा ने मंगलवार सुबह सेट पर सभी थाना प्रभारियों को आदेश दिया कि वे मुख्य सडक़ों के चौराहों के अलावा गली-मोहल्ले में भी जाकर लोगों को घरों में रहने की हिदायतें दें। ज्यादातर लोग घर के बाहर इकट्ठे हो रहे हैं और फालतू की चर्चाओं में मशगूल हैं। वहीं कई लोग इकट्ठे होकर जुआं-सट्टा भी खेल रहे हैं, जिन पर सख्ती की जाना आवश्यक है।