इंदौर। पार्षद अनवर दस्तक निगम परिषद की आखिरी बैठक में बुधवार को जलकार्य समिति के अध्यक्ष बलराम वर्मा पर खूब बरसे। नागरिकता कानून को लेकर हुई तीखी बहस में अनवर दस्तक ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार यह काला कानून वापस नहीं ले लेती तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे। इन प्रदर्शनों में मैं शामिल होऊंगा और इस तरह के प्रदर्शनों का समर्थन करूंगा। अगर आप जैसा कोई सीएए का समर्थन करेगा तो उससे बहस करने के लिए मैं हमेशा तैयार हूं।
विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब बलराम वर्मा ने सीएए, एनपीआर और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं प्रदर्शनकारियों पर विपरीत टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह लोग कानून को समझे बिना उसका विरोध कर रहे हैं और सडक़ जाम कर रहे हैं। ऐसे लोगों को बलपूर्वक हटा दिया जाना चाहिए।
इसका जवाब देते हुए पार्षद अनवर दस्तक ने कहा की सीएए संविधान विरोधी कानून है। देश के तमाम दलित संगठन भी इसका विरोध कर रहे हैं। तमाम बुद्धिजीवी और कानून के जानकार सीएए को संविधान विरोधी और एनपीआर, एनआरसी को बदनीयती से भरा कदम निरूपित कर रहे हैं। सांप्रदायिक तत्व समझना ही नहीं चाहते की दलित और मुस्लिम समाज की चिंताएं क्या है। सरकार सुनना नहीं चाहती। ऐसे में प्रदर्शनकारियों के पास यही रास्ता बचता है कि वह गांधीवादी तरीकों से आंदोलन करें। पूरे देश में गांधीवादी तरीके से आंदोलन हो रहे हैं जिसके कारण केंद्र सरकार की नींद उड़ी हुई है। सांप्रदायिक तत्व इस कानून में भी हिंदू-मुस्लिम का एंगल ले आए हैं। हम संविधान को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। गांधीवादी तौर-तरीकों को अपनाते हुए संविधान को बचाने के लिए हम अपनी जान भी दे सकते हैं।
इस बहस के बाद निगम परिषद का माहौल गरमा गया। मुस्लिम और दलित पार्षद सीएए के खिलाफ बोलते रहे। निगम परिषद की आखिरी बैठक नागरिकता कानून की तीखी बहस में तब्दील हो गई।