थप्पड़ मारने वाली कलेक्टर को बचाने डीजीपी को हटा रहे मुख्यमंत्री कमलनाथ विष्णुदत्त शर्मा
भोपाल। राजगढ़ की कलेक्टर ने सिर्फ भाजपा कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों से ही बदसलूकी नहीं की थी, बल्कि एक एएसआई को भी थप्पड़ मारा था। पुलिस महकमे द्वारा कराई गई जांच में यह आरोप सही पाया गया था और डीजीपी वीके सिंह ने इस मामले में कार्रवाई के लिये गृह सचिव को पत्र भी लिखा था। यदि वीके सिंह ही डीजीपी रहते, तो कलेक्टर निधि निवेदिता के खिलाफ कार्रवाई होना तय थी। ऐसे में कलेक्टर को बचाने के लिए ही मुख्यमंत्री कमलनाथ एक कर्त्तव्यनिष्ठ अधिकारी की बलि ले रहे हैं। यह बात भाजपा के प्रदेश महामंत्री व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने डीजीपी वीके सिंह को हटाए जाने से संबंधित समाचारों पर शनिवार को प्रतिक्रिया देते कही।
सांसद शर्मा ने कहा कि कमलनाथ सरकार के लिये अधिकारियों की ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा या उनकी कार्यक्षमता कोई मायने नहीं रखती। इस सरकार में यही बात मायने रखती है कि किसी अफसर के सिर पर किस कांग्रेस नेता का हाथ है और वह अफसर सारी नैतिकता और कायदे-कानून को ताक पर रखकर जी-हुजूरी करने की क्षमता रखता है या नहीं। अफसरों की पदस्थापना का मापदंड भी यही है और उनकी योग्यता को मापने का पैमाना भी यही है। सरकार की सोच का असर पूरे प्रदेश में प्रशासनिक अराजकता के रूप में दिखाई दे रहा है। कहीं, एक डिप्टी कलेक्टर, कलेक्टर पर बंधक बनाने का आरोप लगाता है, तो कहीं एसडीएम अपने ही दफ्तर पर हमला कराता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले ही अपराध और अपराधियों का बोलबाला है। ऐसे में डीजीपी सिंह को हटाने से पुलिस महकमे के मैदानी अफसरों का मनोबल टूटेगा, जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना होगा। लेकिन कांग्रेस नेताओं और अपने वफादार अफसरों को उपकृत करने में लगी कमलनाथ सरकार को प्रदेश की कोई चिंता नहीं है।