दिल्ली की आग
bhopal,  Fire of delhi
डाॅ. रमेश ठाकुर
 
देश की राजधानी दिल्ली बीते दो-तीन दिनों से उपद्रवियों की लगाई आग में झुलस रही है। सियासी जमात और व्यवस्था तमाशबीन बनी हुई है। दिल्ली के हालात बेहद नाजुक बन गए हैं। अमन कमेटियों और पुलिस-प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद उपद्रवी पीछे हटने को राजी नहीं हैं। नफरत के माहौल में लोग एक-दूसरे के खून के प्यासे हो रहे हैं। शाहीन बाग से निकली लपटें अब दूसरे इलाकों में फैल गई है। बीते दो दिनों के भीतर हालात इस कदर बिगड़ गए हैं, जिसमें एक पुलिसकर्मी समेत पांच अन्य लोग दंगाईयों का निशाना बन गए। पूर्वी दिल्ली के मौजपुर में सीएए के विरोध प्रदर्शन में दंगाईयों ने रतन लाल नाम के कांस्टेबल को घटनास्थल पर ही मार दिया। कांस्टेबल पास के ही गोकुलपुर एसीपी ऑफिस में तैनात था। वह सिर्फ दंगाईयों को रोक रहा था। घटना में स्थानीय डीसीपी और एसीपी भी गंभीर रूप से घायल हुए। दोनों को उपचार के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
 
राजधानी में इस वक्त भयंकर तनाव है। जिन इलाकों में उपद्रव हो रहे हैं, वहां परिवहन सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है। हिंसा को देखते हुए जाफराबाद, मौजपुर-बाबरपुर, गोकुलपुरी, जौहरी इनक्लेव और शिव विहार मेट्रो स्टेशनों को बंद किया गया है। उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे के कारण भी राजधानी में कई रास्तों पर ट्रैफिक प्रभावित हुआ है। पूरी दिल्ली में चक्का जाम की स्थिति बनी हुई है। हिंसा वाले इलाकों में आवाजाही एकदम बंद है। मंगलवार को सभी स्कूल बंद रहे, लोगों ने अपने बच्चों को घरों से नहीं निकलने दिया। दुकानें, मकान, कारखाने आदि बंद रहे। पूरे इलाके में धारा-144 लागू कर दी गई है लेकिन वह भी बेअसर दिखाई पड़ती है।
 
रात में भी लोगों ने नारेबाजी और पत्थरबाजी की। दंगाई खुलेआम जमकर पत्थरबाजी कर रहे हैं। देशविरोधी नारेबाजी कर आजादी की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने कर्दमपूरी के एक पेट्रोल पंप को आग में झोंक दिया है। पेट्रोल पंप जलता देख लोगों में अफरातफरी मच गई। लेकिन, उपद्रवी वहां से नहीं भागे, वहीं डटे रहे। उपद्रवियों ने कई वाहनों के शीशे भी तोड़े, घरों में लगातार पत्थर मार रहे हैं। पुलिस ने चारों ओर से मोर्चा संभाला हुआ है, बावजूद इसके हालात बेकाबू हो गए हैं। पूर्वी दिल्ली के अल्पसंख्यक क्षेत्र जाफराबाद, मौजपुर, कर्दमपूरी, भजनपुरा और सीलमपुर दंगों की आग में झुलस रहे हैं। पुरुष के अलावा महिलाएं भी सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रही हैं। सोमवार दोपहर के समय हालात उस समय ज्यादा खराब हो गए, जब सीएए विरोधियों के खिलाफ सैकड़ों लोग भगवा झंडे लेकर सड़क पर उतरे। उन्हें देखकर उपद्रवी और भड़क गए। उनपर ही पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। इस दौरान हिंसक भीड़ ने कई घरों को आग लगा दी और कई दुकानों में तोड़फोड़ की।
 
जहां हिंसा हो रही है वहां दोनों धर्मों के लोग रहते हैं। प्रदर्शन को समझने के लिए सबसे पहले यह समझना होगा कि सीलमपुर को गोकलपुर से जोड़ता रोड नंबर 66 करीब 4 किलोमीटर लंबा है। यहां आमने-सामने अलग-अलग समुदाय की आबादी रहती है। बीच में 50 से ज्यादा गलियां पड़ती हैं। हर गली के कोने पर लोग खड़े हैं। यहां यह समझना, खासकर मौजपुर के आगे के क्षेत्र में मुश्किल हो रही थी कि गली के कोने पर खड़े लोग किस तरफ के हैं। दंगा बड़े ही सुनियोजित ढंग से किया जा रहा है। सोमवार देर रात से प्रभावित इलाकों में भारी पुलिस बलों की तैनाती की गई है। घटना पर केंद्र सरकार की फिलहाल नजर बनी हुई है लेकिन हिंसा रोकने में नाकाम है। घटना को देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने देर रात तक सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त व अन्य सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की। आयुक्त से घटना की तत्कालिक रिपोर्ट भी तलब की। लेकिन सवाल यही है कि बद से बदतर होती जा रही स्थिति पर आख़िरकार कबतक काबू पाया जाएगा।
 
 
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
Dakhal News 25 February 2020

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.