मध्‍यप्रदेश में लगातार हो रहा सार्थक एप का विरोध
bhopal, Constant opposition, Madhya Pradesh
भोपाल । मध्‍यप्रदेश में कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए सार्थक एप को सभी जिलों में लागू किया जाना है, अभी प्रयोग के तौर पर टीकमगढ़ जिले में इसकी अनिवार्यता की गई है। लेकिन पिछले वर्ष जब से इसके राज्‍य में लागू किए जाने की चर्चा शुरू हुई है तभी से सभी जिलों में कर्मचारी संगठन  इसका लगातार विरोध कर रहे हैं । अब, इसे लेकर ''मैदानी कर्मचारी संघ'' खुलकर सामने आया है, इसके पहले प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मध्यप्रदेश सचिव संगठन इसका विरोध कर चुके हैं। 
 
''मैदानी कर्मचारी संघ'' के पदाधिकारी सचिव विक्रम सिंह बुंदेला ने शनिवार कहा कि कर्मचारियों का कार्य क्षेत्र मैदानी होने के कारण एक निश्चित स्थान पर उपस्थित होकर प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज कराना संभव नहीं है। लेकिन शासन अपने आदेश पर अड़ा हुआ है। उन्‍होंने कहा कि कर्मचारियों का कार्य क्षेत्र 10 से 15 किलोमीटर या इससे अधिक दूरी तक फैला हुआ है। यदि हम सभी लोग रोज उपस्‍थ‍िति के फेर में ही पड़े रहें तो सीधे तौर पर शासन का ही कार्य प्रभावित होगा। कर्मचारियों द्वारा संपादित किए जाने वाले कार्य एक निश्चित स्थान पर न बैठकर फील्ड में होता है।, यह बात शासन को समझना चाहिए।  
 
वहीं, एक अन्‍य कर्मचारी पदाधिकारी ओम प्रकाश पांडे ने कहा कि सभी शासकीय कार्य एक निश्चित समय सीमा में करने होते हैं।मैदानी कर्मचारियों को सार्थक एप पर नियत मुख्यालय पर जाकर केवल उपस्थिति दर्ज कराने की भाग दौड़ में समय की बर्वादी होगी और शासकीय कार्य में विलंब होगा। वर्तमान में कुछ वरिष्ठ कर्मचारी जो रिटायर्डमेंट के करीब है। उनसे एंड्राइड मोबाइल का संचालन ही नहीं होता और उनके लिए इस एप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराना संभव नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते इन सभी कर्मचारियों द्वारा कार्य करने के बाद भी उनका वेतन काटा जा रहा है।  उन्‍होंने बताया कि  वाणिज्य कर मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर को सभी मैदानी कर्मचारी संघ जिला द्वारा एक ज्ञापन सौंपकर मांग की गई, कि मप्र शासन के कैबिनेट वाणिज्यकर मंत्री से सार्थक एप अनिवार्यता खत्म करने की गुहार हमारे संगठन द्वारा लगाई गई है। 
 
इनके अलावा मुन्ना लाल राय कर्मचारी पदाधिकारी का कहना है कि सार्थक एप के द्वारा जीपीएस की माध्यम से सभी मैदानी कर्मचारियों पर 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी, जिसे कहीं से भी सही नहीं ठहराया जा सकता है । उन्‍होंने कहा कि सार्थक एप मप्र के किसी भी जिले में लागू नहीं होकर सिर्फ टीकमगढ़ जिले में ही लागू करते हुए यहां के मैदानी कर्मचारियों को परेशान किया जा रहा  है। ऐसे में यह जरूरी है कि सभी मैदानी कर्मचारियों की सार्थक एप के माध्यम से उपस्थिति की अनिवार्यता समाप्त किए जाए। 
 
उल्‍लेखनीय है कि इससे पहले मध्यप्रदेश सचिव संगठन जिला इकाई के अंतर्गत सभी विकासखंडों के सचिव और रोजगार सहायक सचिवों ने सार्थक एप में उपस्थिति दर्ज कराने के दौरान होने वाली समस्याओं के बारे में बताते हुए इसे लागू न करने की मांग की है। सचिवों का कहना है कि अगर एप लागू किया जाता है तो सभी लोगे इसके विरोध में उग्र आंदोलन करेंगे। साथ ही इसी तरह से इस ऐप के विरोध में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपनी 6 सूत्रीय मांगे शासन के सामने रख चुके हैं। यहां कार्यकर्ताओं  ने कहा कि सार्थक एप में कर्मचारियों को दिन में 2 बार मोबाइल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करनी है। अगर कोई कर्मचारी अचानक किसी काम से चला गया है तो उसे दोबारा मोबाइल पर पंच करना काफी मुश्किल होगा। इसके अलावा कई ऐसे गांव हैं जहां नेटवर्क ही नहीं मिलता, वहां कर्मचारी कैसे अपनी उपस्थिति मोबाइल पर देगा। पहले ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का समय पर मानदेय और भवन भाड़ा और अन्य सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। ऊपर से यह सार्थक एप के जरिए उपस्‍थ‍िति की अनिवार्यता की जा रही है जोकि कहीं से भी सही नहीं है। 
Dakhal News 22 February 2020

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