भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ सरकार के बीच चल रहे घमासान के बीच भाजपा विधायक रमेश मेंदोला ने गत दिवस पत्र लिखकर उन्होंने हनुमानजी की शरण में आने की सलाह दी थी। अब इस पत्र का जवाब सिंधिया के नजदीकी और ग्वालियर से कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने दिया है। उन्होंने मंगलवार को सिंधिया को लिखे गए पत्र के जवाब में रमेश मेंदोला का एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि सोशल मीडिया पर आपका पत्र देखा, जो आपने जननायक, जनसेवक और देश की सबसे पुरानी पार्टी के युवा तर्क एवं भरतीय राजनीति की तरुणाई के प्रतीक ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को लिखा है। आपने पत्र को पवनसुत हनुमान जी के माध्यम से जो आध्यात्मिक कलेवर देने का असफल प्रयास किया है, इससे आपकी स्वार्थी राजनैतिक महत्वाकांक्षा की दुर्गंध आती है। सिंधिया जी हमारे जैसे लाखों कार्यकर्ताओं की प्रेरणा और ऊर्जा का अक्षय स्रोत होने के साथ-साथ भारत के सांस्कृतिक, राजनैतिक तथा राष्ट्रीय बोध से ओतप्रोत विशाल हृदय के स्वामी हैं। सिंधिया जी, आपके इस धार्मिक-कम पाखंडपूर्ण शर्मनाक राजनैतिक पत्र का जवाब नहीं देंगे, किन्तु मैं विनम्रता से अपनी बात जरूर कहूंगा।
उन्होंने आगे लिखा है कि सच तो यह है कि सरकार और सिंधिया जी में कोई टकराव नहीं है, बल्कि जनता के प्रति दोनों में गंभीर चिंता है, लेकिन आप नहीं समझेंगे, क्योंकि 15 वर्षों तक सतत् आपकी सरकार ने न केवल लूटकर प्रदेश को कंगाल करने में ही अपनी ऊर्जा का निवेश किया, बल्कि प्रदेश को लगभग 1.83 लाख करोड़ रुपये का कर्जदार भी बना दिया। यह प्रदेश की जनता से छुपा नहीं है। आपमें इतना साहस कहां कि आप एक चिट्ठी शिवराज जी को भी अवैध रेत खनन, व्यापमं एवं नर्मदा पौधरोपण घोटाले पर भी हनुमान जी से शक्ति लेकर लिख देते।
मेंदोला जी, उम्र और राजनीति दोनों में आप मेरे अग्रज हैं, किन्तु उसके बाद भी आपको सद्मार्ग दिखाना मेरा कर्तव्य है। राजनीति और धर्म दोनों अलग विषय हैं। आपने सदैव धर्म की आड़ लेकर राजनीति की है। आपने सिंधिया जी को पत्र लिखकर आमंत्रित किया, उससे मुझे लगा कि आप जाग्रत व्यक्ति हैं। आपसे मेरी अपेक्षा है कि केन्द्रीय नेतृत्व को भी एक पत्र लिखकर उनसे भी अनुरोध कीजिये, जो लगातार प्रदेश के आर्थिक कोष में कटौती करते जा रहे हैं, लेकिन इस पर आप सभी मौन हैं। यदि इतना सामथ्र्य नहीं है तो प्रभु हनुमान जी से शक्ति मांगिये। नि:संदेह वे आपको सामथ्र्य और साहस दोनों प्रदान करेंगे। सिंधिया जी के नाम पर अपने राजनैतिक नम्बर बढ़ाने का आपका यह दांव औसत दर्जे का था। इसकी अपेक्षा कोई नई तरकीब अपनाइये। प्रदेश को उन्नति की राह पर ले जाने के लिए ही आप लोगों के 15 वर्षों के घपलों-घोटालों का समंदर लांघकर ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है। अंत में अनुज की ओर से एक मशवरा है कि चालीसा की इन पंक्तियों को स्मरण जरूर कीजिये। ‘बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवन कुमार। बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।।’