शिवराज ने कमलनाथ सरकार पर लगाए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
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भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की कमलनाथ सरकार को घेरने का कोई अवसर नहीं छोड़ते, बात चाहे किसान क़र्ज़ माफ़ी की हो, प्रदेश की कानून व्यवस्था या महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा की। हर मुद्दे पर शिवराज प्रदेश सरकार के सामने डटकर खड़े हो जाते हैं। एक बार फिर शिवराज ने अपने कार्यकाल में लिए कैबिनेट के फैसले को कमलनाथ सरकार द्वारा बदलने और भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए हैं।
 
सोमवार को अपने निवास पर पत्रकार वार्ता कर पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदेश कि कमलनाथ सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। टैक होम राशन, पोषण आहार में खेल हो रहा है। शिवराज ने कहा कि हमारी सरकार में हमने तय किया था कि ये कार्य निजी कंपनी के हाथ में नहीं रहेगा। इसके लिए हमने 7 संयंत्र अपने कार्यकाल में देवास, धार, होशंगाबाद, मंडला और भी तीन जिलो में बनाए हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हमने पोषण आहार का कार्य महिला स्वा सहायता समूह को दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने सरकार पर फैले को बदलने और निजी कंपनी को काम देकर लाभ पहुंचने का आरोप लगाते हुए कहा कि एमपी एग्रो किसी भी निजी कंपनी या ठेकेदारों को सम्मिलित नहीं करेगा। लेकिन कमलनाथ की सरकार में नया खेल हुआ, मुख्य सचिव ने 11 बिंदु को इस फैसले से  गायब कर दिया| शिवराज ने सवाल दागते हुए कहा कि वो ये बताए कि किसकी मर्जी से ये किया गया।
 
क्या एक मुख्य सचिव की इतनी मजाल की वो कैबिनट के फैसले को पलट दे। शिवराज ने आईएस गौरी सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि मैं गौरी सिंह का अभिनंदन करता हूं, उन्होंने सरकार के इस फैसले का ही विरोध किया था। गौरी सिंह ने कहा था कि पोषण आहार का निजी करण नहीं होना चाहिए। लेकिन कमलनाथ सरकार में ईमानदार अफसर बली चढ़ रही हैं। इस फैसले पर मुख्यमंत्री कमलनाथ को खुद जवाब देना चाहिए।
 
सिंधिया न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा सड़क पर उतरने के बयान का समर्थन करते हुए शिवराज ने कहा कि सिंधिया जी न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनकी लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष के विरुद्ध नहीं है। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने वचन पत्र के अनुसार किसानों का क़र्ज़ अभी तक माफ़ नहीं किया है। सिंधिया यही कह रहे हैं कि किसान का क़र्ज़ माफ़ कीजिये। अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की माँग सिंधिया कर रहे हैं। वचन पत्र के अनुसार बेरोज़गारों को भत्ता देने का वादा किया गया था, सिंधिया भी यही वादा पूरा करने की माँग कर रहे हैं।
Dakhal News 17 February 2020

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