छतरपुर। उर्मिल नदी में पुल के किनारे पूर्व में रेत निकालने के चक्कर में बनाई गई खाई में दबकर एक युवक की मौत हो गई थी जबकि एक अन्य घटना में प्रत्यक्षदर्शियों की तत्परता के कारण एक युवक को बचाया गया था। इन घटनाओं के बावजूद रेत माफिया चंद पैसों की लालच में पुल के किनारे फिर से खाई तैयार कर रहे हैं। मिट्टी से रेत निकालने में लगे हैं जिससे भविष्य में फिर हादसा हो सकता है।
ओरछा रोड थाना अंतर्गत हतना से निकली उर्मिल नदी के पुल के बगल में ही रेत माफिया खाई खोदकर रेत निकाल रहे हैं। भले ही खाई में रेत न हो लेकिन मिट्टी निकालकर उसे माफियाओं द्वारा ट्राली में भरा जाता है और इसके बाद पानी डालकर उसकी धुलाई की जाती है। दिन भर में कम से कम दो ट्राली रेत निकालकर ऐसे ठेकेदारों के हवाले किया जाता है जो सरकारी काम कराते हैं ताकि मिट्टीयुक्त रेत आसानी से उपयोग में लायी जा सके। सवाल यह नहीं है कि घटिया सामग्री बेची जा रही है सवाल यह है कि पुल के किनारे गहरी खाई खोदने से यह हादसे को आमंत्रण देगा। दो वर्ष पहले इसी क्षेत्र में बालू निकालने के चक्कर में एक युवक मिट्टी में दबकर मौत का शिकार हो गया था। गत वर्ष एक अन्य हादसा भी इसी तरह का इसी क्षेत्र में हुआ था जैसे ही रेत निकालने के चक्कर में युवक गहराई में घुसा वैसे ही ऊपर से मिट्टी धसक गई। आसपास मौजूद लोगों ने तत्काल मिट्टी हटाई और युवक को बाहर निकाल लिया था जिससे उसकी जान बच गई थी। इतने हादसों के बाद भी माफिया खाई खोदने से बाज नहीं आ रहे हैं।