भोपाल। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) के वरिष्ठतम प्रचारकों में से एक पी. परमेश्वरन का शनिवार रात 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। भारतीय जन संघ के पूर्व नेता पी परमेश्वरन ने रविवार रात 12 बजकर 10 मिनट पर अंतिम सांस ली। परमेश्वरन भारतीय विचार केंद्र के संस्थापक निदेशक भी रहे हैं। केरल के पलक्कड़ जिले के ओट्टापलम में उनका आयुर्वेदिक उपचार चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर मप्र भाजपा नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त कर श्रद्धांजलि दी है।
मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने पी परमेश्वरन के निधन पर गहरा दुख जताते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की है। शिवराज ने ट्वीट कर लिखा ‘राष्ट्र सेवा और उत्थान के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन होम कर देने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक, भारतीय विचार केंद्र के संस्थापक, हमारे श्रद्धेय पी. परमेश्वरन जी के निधन के समाचार से दु:खी हूं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति और परिजनों को संबल दें। विनम्र श्रद्धांजलि’!
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने ट्वीट कर लिखा ‘सादर श्रद्धांजलि..जनसंघ नेता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक श्री पी. परमेश्वरन जी के निधन का दु:खद समाचार मिला। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। पद्मविभूषण मा. परमेश्वरनजी नहीं रहे। गत 7 दशक से संघ के प्रचारक,राष्ट्रवादी विचारों के प्रखर उद्घोषक,विवेकानंद केन्द्र के अध्यक्ष परमेश्वरनजी का जाना केरल और भारत के बौद्धिक जगत के लिये बड़ी क्षति है ईश्वर आत्मा को अपने चरणों में स्थान प्रदान करे। ॐ शांति शांति’।
भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने वरिष्ठ संघ प्रचारक पी परमेश्वरन के निधन को अपूरणीय क्षति बतलाते हुए ट्वीट कर लिखा ‘संघ से जुड़े भाजपा के वयोवृद्ध नेता श्री पी परमेश्वरन जी का निधन अपूरणीय क्षति हैं। वे संवेदनशील लेखक, विचारक, कवि और शोधकर्ता थे। उन्होंने पार्टी में भी कई पदों का दायित्व संभाला। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे और परिजनों को ये दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करे’।
केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने दिवंगत आत्मा को नमन करते हुए ट्वीट कर लिखा ‘जनसंघ नेता, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक और भारतीय विचार केंद्र के संस्थापक श्रद्धेय श्री पी. परमेश्वरन जी के निधन का दु:खद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे। ॐ शांति’!