भोपाल। मध्य प्रदेश भारत का हृदय स्थल है, इसलिए इसका नाम मध्यप्रदेश पड़ा। स्वभाविक है मध्यप्रदेश की राजनीति, कला और संस्कृति संपूर्ण भारत को प्रभावित करती है। यहां मध्यप्रदेश में संस्कृति और कला की विविधता व्यापक रूप में विद्यमान है। चम्बल, निमाड़, महाकौशल और विंध्य क्षेत्र में संस्कृति और कला की विविधता व्यापक रूप से देखने को मिलती है। यही कारण है कि मध्यप्रदेश की संस्कृति या राजनीतिक तौर पर विषय का निर्धारण कर जितनी भी पुस्तकें बाजार में अब तक आई हैं, उनकी मांग व्यापक स्तर पर लगातार बनी रही है। इसे और गंभीरता से समझने के लिए आज यानी कि शुक्रवार 07 फरवरी शाम 05 बजे, भोपाल की स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी में लेखक वर्तुल सिंह की पुस्तक 'भोपालनामा' पर चर्चा का आयोजन किया गया है।
इस संदर्भ में उल्लेखित है कि पुस्तक की खासीयत के तौर पर हम विचार करें तो 'भोपालनामा' में आपको भोपाल की विविधता और सुन्दरता के विलक्षण दर्शन एक ही स्थान पर हो सकेंगे और जो आपने अब तक भोपाल के बारे में नहीं जान पाया होगा, उसे भी आप बहुत करीब से जान पाएंगे । पुस्तक चर्चा में रेरा के अध्यक्ष टीनो डी सा मुख्य रूप से शामिल होंगे।यहां सभी के लिए प्रवेश निशुल्क है।
उधर, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित प्रदेश के जनजातीय संग्रहालय में ''राजा भतृहरि नाट्य'' का मंचन शाम 6:30 बजे से रखा गया है। यहां भी प्रवेश पूरी तरह से निशुल्क है। इस मंचित हो रहे नाटक की खास बात यह है कि इसे माच शैली में लोकनाट्य के अंतर्गत प्रस्तुत किया जा रहा है। जिनकी नाट्य कला में रुचि है या जिन्हें नाटक देखना अच्छा लगता है, वे इसे देखने आज अवश्य जाएं।