-योगेश कुमार गोयल
संसद में पेश किए जा चुके आम बजट में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाओं के निहितार्थ को समझना बेहद जरूरी है। आम बजट ने पहले दिन शेयर बाजार का मूड खराब कर दिया। आर्थिक सुस्ती से बाहर निकलने के लिए खपत को बढ़ावा देने पर कुछ खास नहीं हुआ। लंबे समय से सुस्ती झेल रहा ऑटो सेक्टर हो या फिर रियल एस्टेट सेक्टर वह टकटकी लगाए रह गए। निवेशकों को उम्मीद थी कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स खत्म होगा या लॉन्ग टर्म की परिभाषा बदलेगी पर ऐसा भी नहीं हुआ। ऐसा कुछ आर्थिक पंडित मानते हैं पर बजट में ऐसा बहुत कुछ है जो देश को नई दिशा जरूर देने वाला है। डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स खत्म करने की घोषणा अहम कदम है। सरकार ने यह परवाह नहीं की कि इससे सरकारी खजाने पर 25 हजार करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा। हालांकि विशेषज्ञों को आशंका है कि इससे निवेशकों को भी नुकसान होगा क्योंकि डिविडेंड अब करदाता की आय से जुड़ जाएगा। वित्तमंत्री ने कर छूट और कटौती का लाभ छोड़ने वालों को आयकर दरों में कटौती की घोषणा के बाद कहा है कि सरकार का इरादा दीर्घकाल में सभी प्रकार की आयकर छूट को समाप्त करना है। तेजस जैसी और ट्रेनें देश में ही बनाने और चलाने की घोषणा रेलवे की रफ्तार बढ़ाने वाली है। रेलवे, आयकर स्लैब, शिक्षा, किसानों आदि के लिए बड़ी घोषणाओं की सचमुच दरकार थी।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आर्थिक विकास दर 10 फीसदी रहने का अनुमान लगाते हुए आयकर स्लैब में बड़ा बदलाव बेहद अहम है। 2.10 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश का बड़ा लक्ष्य सरकार के इरादे को परिलक्षित करता है। कृषि-पशु आधारित उत्पाद, रॉ शुगर, स्किम्ड मिल्क, प्यूरीफाइड टेरिफैलिक एसिड (पीटीए), सोया फाइबर, सोया प्रोटीन, अखबारी कागज, कोट्ड पेपर को सस्ता करने का ऐलान अच्छा कदम है। इस देश के किसानों को सरकार से जो उम्मीद थी, वह काफी हद तक पूरी हुई है। सिगरेट, तम्बाकू उत्पाद, फर्नीचर, फुटवियर, स्टील, कॉपर, कुछ खिलौने, कुछ मोबाइल उपकरण के महंगे होने का कुछ लोगों को गम हो सकता है। किसानों का जीवन स्तर सुधारने के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये का फंड आवंटित करने की घोषणा का स्वागत किया जाना चाहिए। सिंचाई आज भी देश की समस्या है। सरकार ने इस चिंता को दूर करने के लिए इस फंड में से कृषि और सिंचाई के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपये दी है। प्रधानमंत्री कुसुम स्कीम के जरिये 20 लाख किसानों को सोलर पंप मुहैया करवाने का निर्णय धरतीपुत्रों की दशा-दिशा बदलने वाला साबित होगा। देश में सूखा राष्ट्रीय चिंता का विषय रहा है। सरकार ने देश की पीड़ा को समझते हुए 100 सूखाग्रस्त जिलों के विकास पर कार्य करने का इरादा जताया है। 15 लाख किसानों को ग्रिड कनेक्टेड पंपसेट से जोड़ने की बात कही है। कृषि बाजारों को उदार बनाने के अलावा मंडियों के कामकाज में सुधार के लिए जरूरी कदम उठाने का फैसला किया है।
नॉन बैंकिंग फाइनेंस कम्पनियों को प्रोत्साहित कर 15 लाख करोड़ रुपये का कर्ज किसानों को देने और मिल्क प्रोसेंसिंग क्षमता 108 मिलियन टन करने का लक्ष्य रखा है। राष्ट्रीय शीत आपूर्ति शृंखला के निर्माण के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी मॉडल) के तहत फल-सब्जी जैसे जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिए किसान रेल चलाने का प्रस्ताव कर निराश किसानों को संजीवनी प्रदान की है। कुछ मेल एक्सप्रेस और मालगाड़ियों के जरिये जल्दी खराब होने वाले सामान (फल, सब्जियों, डेयरी उत्पाद, मछली, मांस इत्यादि) की ढुलाई के लिए रेफ्रिजरेटेड पार्सल वैन का प्रस्ताव कर उदारता दिखाई है। बंजर जमीन पर सोलर पावर जेनरेशन यूनिट लगाकर उत्पादित बिजली को ग्रिड को बेचने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। समुद्री इलाकों में 3077 सागर मित्र बनाने के अलावा वहां के किसानों के लिए मछली उत्पादन का लक्ष्य 208 मिलियन टन रखा है।
सरकार ने अल्पसंख्यकों की चिंता भी समझी है। 2019 में पुन: सत्तासीन होने के बाद सरकार ने जुलाई में पेश किए गए बजट में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के लिए 4700 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा था लेकिन इस बार इसमें 329 करोड़ की बढ़ोतरी करते हुए इसे 5029 करोड़ कर विपक्ष का मुंह बंद करने की कोशिश की है। पोषण संबंधी कार्यक्रम के लिए 35600 करोड़ और वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगों के लिए 9500 करोड़ रुपये आवंटित कर सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन कर सरकार ने दिल जीता है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों की बेहतरी के लिए सरकार ने उम्मीद के अनुरूप काम किया है। जम्मू-कश्मीर में 30757 करोड़ रुपये और लद्दाख में 5958 करोड़ रुपये से विकास का पहिया दौड़ेगा।
शिक्षा क्षेत्र में बदलाव की बड़ी जरूरत महसूस की जा रही थी। इस बजट में जल्द ही नई शिक्षा नीति की घोषणा करने की बात कही गई है। शिक्षा क्षेत्र के लिए 99,300 करोड़ रुपये और कौशल विकास के लिए 3,000 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव से साफ है कि सरकार संजीदा है। वह वंचित तबके से संबंध रखने वाले छात्रों को उच्च शिक्षा देने के लिए वचनबद्ध है। इसी लिए देश के शीर्ष 100 शैक्षणिक संस्थानों में डिग्री स्तर का ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम आरंभ करने की घोषणा की गई है।