मोदी की नई टीम
modi team in mp

मोदी की टीम में एमपी के चार चेहरे 

तोमर,कुलस्ते ,प्रहलाद ,गेहलोत मंत्री बने 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नई कैबिनेट में विभागों का बंटवारा कर दिया है | मध्य प्रदेश के मुरैना से सांसद नरेंद्र सिंह तोमर को देश का नया कृषि मंत्री बनाया गया है | कृषि मंत्रालय के अलावा तोमर के पास ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है  | वहीं मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद थावरचंद गहलोत का विभाग नहीं बदला गया है | उन्हें एक बार फिर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है | इसके अलावा प्रह्लाद सिंह पटेल जो पहली बार मोदी की नई टीम इंडिया का हिस्सा बने हैं | उन्हें पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है | वहीं आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते को स्टील मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है | 
एनडीए-2 सरकार में मध्यप्रदेश के अनुभवी चेहरों को शामिल कर सियासी, जातिगत और भौगोलिक संतुलन बैठाने की कोशिश की है |  चंबल-ग्वालियर से सवर्ण  नेता नरेंद्र सिंह तोमर | बुंदेलखंड का प्रतिनिधित्व करने वाले ओबीसी नेता प्रहलाद पटेल ,महाकोशल से आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते और अनुसूचित जाति के वरिष्ठ नेता थावरचंद गेहलोत को मालवांचल के प्रतिनिधि के रूप में मोदी कैबिनेट में स्थान मिला है | संख्या के नजरिए से देखा जाए तो पिछली सरकार में मप्र से पांच मंत्री हुआ करते थे, लेकिन इस बार मप्र को केंद्र सरकार में प्रतिनिधित्व के लिहाज से नुकसान हुआ है |  हालांकि शपथ लेने वाले मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मप्र से राज्यसभा सदस्य हैं | इस लिहाज से चार मंत्री एनडीए-2 में शामिल हुए हैं |
मोदी सरकार में पिछली बार उमा भारती सहित सुषमा स्वराज, नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गेहलोत, डॉ. वीरेंद्र कुमार मंत्री थे | अनिल माधव दवे के निधन के बाद डॉ. वीरेंद्र कुमार को कैबिनेट में लिया गया था | इसी तरह मप्र से राज्यसभा सदस्य रहे एमजे अकबर, प्रकाश जावड़ेकर, धर्मेंद्र प्रधान भी मोदी सरकार में शामिल रहे हैं  | भाजपा ने प्रदेश में संतुलन बैठाने की कोशिश तो की लेकिन ब्राह्मण वर्ग उपेक्षित रहा , प्रदेश में भाजपा के पास इस वर्ग के नेताओं का टोटा हो गया है |
नरेंद्र सिंह तोमर पिछले पांच साल से मोदी सरकार में मंत्री रहे हैं पंचायत एवं ग्रामीण विकास के साथ संसदीय कार्य का भी प्रभार रहा  प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की सफलता का श्रेय तोमर को मिलता है | मप्र सरकार में मंत्री रहने के साथ ही तोमर मप्र भाजपा के दो बार प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं | राष्ट्रीय महासचिव के साथ उत्तरप्रदेश के प्रभारी रहे हैं | पार्टी में तोमर की संगठन क्षमता का लोहा माना जाता है |
थावरचंद गेहलोत देश में भाजपा के सशक्त दलित चेहरे के रूप में पहचाने जाते हैं वे  पिछले एक दशक से हाईकमान के करीब रहे हैं पांच बार से लगातार संसदीय बोर्ड के सदस्य भी हैं 1996 से 2009 तक शाजापुर सीट से पांच बार लोकसभा के लिए चुने गए फिलहाल वे राज्यसभा सदस्य हैं सामाजिक न्याय मंत्री के रूप में एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन कराने का श्रेय भी गेहलोत को जाता है | राष्ट्रीय महासचिव रहते हुए उत्तरांचल सहित अन्य राज्यों के प्रभारी रहे हैं |
प्रहलाद पटेल  प्रदेश में ओबीसी वर्ग का बड़ा चेहरा हैंअब तक अलग-अलग तीन सीटों से चौथी बार सांसद बने हैं | मूल रूप से महाकोशल के गोटेगांव निवासी पटेल ने पहला चुनाव 1989 में सिवनी लोकसभा सीट से जीता था | इसके बाद 1999 में बालाघाट से लोकसभा सदस्य रहे  2004 में पटेल ने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से चुनाव लड़कर कांग्रेस नेता कमलनाथ को कड़ी चुनौती दी थी | पिछला चुनाव 2014 में पटेल को बुंदेलखंड की दमोह सीट से लड़वाया गया था | इस बार वे दूसरी बार दमोह से सांसद चुने गए हैं | प्रहलाद पटेल अटल सरकार में राज्यमंत्री भी रहे लोधी जाति के पटेल पिछली सरकार में भी मंत्री पद की दौड़ में थे, लेकिन इसी वर्ग की उमा भारती के केंद्र में मंत्री होने के कारण अन्य किसी भी ओबीसी नेता को मंत्री नहीं बनाया गया था |
आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला सीट से छठवीं बार लोकसभा सदस्य चुने गए हैं  | अटल सरकार में 1999 में पहली बार कुलस्ते को राज्यमंत्री बनाया गया था  | मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी कुलस्ते मंत्री बनाए गए थे, लेकिन विस्तार में हटा दिए गए थे | 1996 में पहली बार लोकसभा सदस्य बने कुलस्ते 2009 में एक बार चुनाव हार गए थे |  कुलस्ते भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं |

Dakhal News 1 June 2019

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