देशप्रेम की कथा है पलटन
paltan

भारत में युद्ध पर आधारित फ़िल्में वैसे ही बहुत कम बनी है। हमारा सौभाग्य है कि भारत एक शांति प्रिय देश है और हमें बहुत ज्यादा लड़ाइयां नहीं लड़नी पड़ी हैं। बहरहाल, यहां जितने भी युद्ध हुए हैं उसकी अपनी कहानियां हैं। उसके अपने वॉर हीरोज़ भी हैं। इन्हीं नायकों की कहानी फ़िल्मों में कही जाती रही है। युद्ध पर आधारित फ़िल्में बनाने में डायरेक्टर जेपी दत्ता को जैसे महारत हासिल है। ‘बॉर्डर’, ‘एलओसी कारगिल’ जैसी फिल्में उन्हीं की देन हैं! उसी कड़ी में अब वो ‘पलटन’ फ़िल्म लेकर आये हैं।

1962 में भारत चीन से युद्ध हार गया था। उसी के कुछ समय बाद चीन की सेना ने भारतीय सेना पर फिर से हमला किया। तब किस बहादुरी से भारतीय सेना ने चीनी सेना को समर्पण करने पर मजबूर कर दिया लेकिन किस तरह जवानों ने नाथूला से सेबुला तक ना सिर्फ फेंसिंग करने में सफलता पाई बल्कि सिक्किम की तरह जाने वाले इस पोस्ट को विजयी बनाया! इस युद्ध में कई जवान शहीद हो गए मगर अंततः विजय हमारी हुई! निर्देशक जेपी दत्ता ने बेहद खूबसूरती से बॉर्डर पर रहने वाले जवानों की ज़िंदगी और उनके देश प्रेम के जज्बे को सैल्यूलाइड पर उकेरा है! इस भव्यतम फ़िल्म को शूट करना वाकई एक मास्टर का ही काम हो सकता है।

अभिनय की बात करें तो अर्जुन रामपाल, सोनू सूद, हर्षवर्धन राणे, गुरमीत चौधरी, सिद्धांत कपूर और लव सिन्हा समेत सभी ने अपना शानदार परफॉर्मेंस दिया है। फिल्म का संगीत अनु मलिक ने बेहतरीन ढंग से सजाया है और क्लाइमेक्स का गीत तो आपको रुला देगा! कुल मिलाकर 'पलटन' एक ऐसी फ़िल्म है जो आपको भारतीय सेना के देश प्रेम और जज्बे से रूबरू कराएगी। यह फ़िल्म देखी जानी चाहिए।

 

Dakhal News 7 September 2018

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