शरद-ममता मुलाक़ात ,रोचक होगा अब चुनाव
sharad pawar

 

2019 के लोकसभा चुनाव के पूर्व एकजुट विपक्ष और महागठबंधन की संभावनाएं तलाशने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी सोमवार को अपने चार दिवसीय प्रवास पर दिल्ली पहुंच गईं। अपने इस प्रवास के बीच ममता दिल्ली में गैर भाजपा व गैर कांग्रेसी कई पार्टियों के नेताओं से मुलाकात करेंगी। ममता ने सबसे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार से उनके आवास पर मुलाकात की। इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री शिवसेना के सांसद संजय राउत से मिलीं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संसद में आरजेडी की सांसद मीसा भारती से भी मुलाकात की है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनसीपी शिवसेना और राजद के नेताओं के साथ बैठक के बाद कहा कि जब राजनीतिक लोग मिलते हैं तो निश्चित रूप से वे राजनीति पर चर्चा करेंगे, उसमें छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। 2019 के लोकसभा चुनाव निश्चित रूप से बहुत दिलचस्प होंगे।

तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक ममता दिल्ली में जनता दल (यू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, आम आदमी पार्टी के प्रमुख व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत शिवसेना और तेलुगु देशम पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगी। सबसे खास बात यह कि विपक्ष के गठबंधन को एकजुट करने दिल्ली पहुंची ममता अपनी पुरानी सहयोगी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात नहीं करेंगी।

हालांकि वह सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकती हैं। बताया जा रहा है कि ममता इस यात्रा के जब राजनीतिक लोग मिलते हैं तो निश्चित रूप से वे राजनीति पर चर्चा करेंगे, उसमें छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। 2019 के लोकसभा चुनाव निश्चित रूप से बहुत दिलचस्प होंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनसीपी शिवसेना और राजद के नेताओं के साथ बैठक के बाद कहा कि संसद में विपक्ष के कई सांसदों के साथ संवाद भी करेंगी। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ममता को उनसे मिलने आने का आमंत्रण भेजा था, जिसे ममता ने स्वीकार कर लिया है।

माना जा रहा है कि ममता अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ 2019 में एकजुट होकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं, जिसके लिए उन्होंने विपक्षी पार्टियों को साधने के लिए अपना प्रवास शुरू किया है। वरिष्ठ तृणमूल नेता का यह भी कहना है कि वह एक स्पष्ट एजेंडा लेकर दिल्ली गई हैं। ममता ने तय किया है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का हिस्सा नहीं बनेंगी।

कांग्रेस व लेफ्ट एक साथ हैं, ऐसे में यह ठीक नहीं होगा कि तृणमूल गठबंधन का हिस्सा बने। बता दें कि भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की दिशा में पूर्व में ममता ने तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव व राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल से मुलाकात की थी। साथ ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव व बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती का भी समर्थन किया था। ऐसे में ममता का दिल्ली दौरा लोकसभा चुनाव से पूर्व सियासी समझौतों की तमाम संभावनाओं की ओर इशारा कर रहा है।

Dakhal News 27 March 2018

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