Dakhal News
25 April 2024जबलपुर मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने मध्यप्रदेश शासन को एक सप्ताह के भीतर प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में मॉप-अप काउंसिलिंग राउंड में भरी गई एमबीबीएस सीटों के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने सख्त निर्देश दिए हैं। इस रिपोर्ट में मॉप-अप काउंसिलिंग राउंड की 94 एमबीबीएस सीटों में दाखिला पाने वालों के अंक और मैरिट पोजीशन सहित प्रत्येक जानकारी शामिल करने कहा गया है।
मंगलवार को न्यायमूर्ति आरएस झा व जस्टिस नंदिता दुबे की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता खंडवा निवासी प्रांशु अग्रवाल और उज्जैन निवासी आदिश जैन सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी खड़े हुए।
हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के आरोप को गंभीरता से लेकर सरकार को यह भी साफ करने कहा है कि आखिर क्यों मूल निवासी योग्य छात्र-छात्राओं की उपलब्धता के बावजूद उन्हें दरकिनार किया गया? याचिकाओं में लगे एक-एक छात्र-छात्रा से एक-एक करोड़ लेकर एमबीबीएस सीट बेचे जाने संबंधी आरोपों के सिलसिले में प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और सरकार अपना जवाब प्रस्तुत करे।
उन्होंने दलील दी कि इस मामले में राज्य शासन का रवैया आश्चर्यजनक है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों पर एमबीबीएस सीटों पर गैर मूलनिवासी छात्र-छात्राओं को दाखिला दिए जाने के आरोप जैसे गंभीर मामले के बावजूद सरकार का रवैया कम दिखाने और ज्यादा छिपाने वाला बना हुआ है। जबकि कायदे से सरकार को खुलकर सभी तथ्य सामने लाने चाहिए। चूंकि ऐसा नहीं किया जा रहा है, अत: सवाल उठता है कि सरकार आखिर बचाव किसका कर रही है और क्यों?
अधिवक्ता आदित्य संघी ने आक्षेप लगाया कि 10 सितंबर 2017 की रात्रि मॉप-अप काउंसिलिंग राउंड में मध्यप्रदेश के मूलनिवासी वास्तविक योग्य छात्र-छात्राओं का हक सीधे तौर पर मारा गया। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि याचिकाकर्ताओं सहित अन्य को 420 से अधिक अंक हासिल हुए थे, इसके बावजूद जिन्हें दाखिला दे दिया गया वे मध्यप्रदेश के गैर मूल निवासी होने के साथ-साथ महज 200 के आसपास अंक हासिल करने वाले अयोग्य छात्र-छात्रा थे। इससे साफ है कि मॉप-अप काउंसिलिंग राउंड के नाम पर करोड़ों रुपए लेकर एमबीबीएस सीटें बेचने का खुला खेल खेला गया।
Dakhal News
10 January 2018
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.
Created By: Medha Innovation & Development
|