Dakhal News
23 April 2024
एक साथ तीन तलाक विधेयक पर सियासी घमासान गुरुवार को राज्यसभा में लगातार दूसरे दिन जारी रहा। विपक्ष बिल को प्रवर समिति (सेलेक्ट कमेटी) में भेजने पर अड़ा रहा, तो सरकार ने भी इस मांग के आगे झुकने से इन्कार कर दिया।
इस सियासी रस्साकशी में बिल के शीत सत्र में पारित होने की अब कोई गुंजाइश नहीं दिख रही। सरकार ने विपक्ष पर फिर इसकी राह रोकने का आरोप लगाया है। राज्यसभा में नेता सदन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तत्काल तलाक बिल को प्रवर समिति के पास भेजने की मांग को इसे लटकाने का प्रयास करार दिया।
उनका कहना था कि विपक्ष ने प्रवर समिति के लिए जिन सांसदों को आगे किया है, वे वास्तव में इस बिल को खत्म करना चाहते हैं। इतना ही नहीं प्रवर समिति के लिए विपक्ष का संशोधन 24 घंटे पहले नहीं आया।
नियम के हिसाब से यह वैध नहीं है। प्रवर समिति के लिए सुझाए सदस्यों के नाम पूरे सदन के स्वरूप का प्रतिनिधित्व नहीं करते। वित्त मंत्री ने कहा कि विपक्ष ने इसे लटकाना पहले से तय कर रखा है।
इसीलिए सरकार इसे प्रवर समिति में भेजने को तैयार नहीं है। राज्यसभा में यह मसला दूसरे दिन तब आया जब अर्थव्यवस्था पर अल्पकालिक चर्चा के बाद जीएसटी बिल पर बहस शुरू हो रही थी। सपा के नरेश अग्रवाल समेत विपक्ष के तमाम सदस्यों ने उपसभापति पीजे कुरियन से विपक्ष के दोनों वैध संशोधनों पर मतविभाजन की मांग पर फैसला देने को कहा।
विपक्ष का कहना था कि पहले इस मुद्दे का निपटारा हो, तब जीएसटी बिल लिया जाए। सरकार ने गुरुवार को एजेंडे में तत्काल तलाक को जीएसटी के बाद रखा था।
नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने जेटली के आरोपों पर कहा कि यह गलत प्रचार फैलाया जा रहा कि कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष तत्काल तलाक बिल के खिलाफ है। हमारी आपत्ति केवल इस पर है कि एक साथ तीन तलाक पर पति जेल जाएगा, तब उस दौरान पत्नी का गुजारा कौन चलाएगा।
इस बिल के जरिये सरकार ने मुस्लिम औरतों को खत्म करने का प्रबंध कर दिया है। इसलिए हमारा आग्रह है कि गुजारे की व्यवस्था कर दीजिए। हमें बिल पर कोई एतराज नहीं है। अपने-अपने तर्कों को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुई।
इस दौरान सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति इरानी ने कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष पर मुस्लिम महिलाओं को हक से वंचित करने का आरोप लगाया। तो तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन ने कहा कि सरकार एक साथ तीन तलाक पर राजनीति कर रही है और हक दिलाने का दिखावा कर रही।
उपसभापति ने कहा कि बेशक तृणमूल के सुखेंदु शेखर राय और कांग्रेस के आनंद शर्मा का प्रस्ताव वैध है। सभापति ने भी इसे स्वीकार कर लिया है। लेकिन, सरकार के एजेंडे में जीएसटी बिल पहले है।
इसके बाद ही तत्काल तलाक का बिल लिया जाएगा। मगर शाम साढ़े पांचे बजे पूरी हुई चर्चा के बाद विपक्ष तत्काल तलाक को पहले लेने पर अड़ा रहा। इसी तकरार में सदन को करीब पौने छह बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
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4 January 2018
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