रुस्तम ने बताये डेंगू से बचाव के तरीके
 रूस्तम सिंह

 

एमपी के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रूस्तम सिंह ने लोगों से अपील की है कि यदि निजी अस्पताल की जाँच में डेंगू पाया जाता है तो उसकी पुष्टि शासकीय चिकित्सालय में अलाइजा टेस्ट से अवश्य करवायें। श्री सिंह ने कहा ठंड लगकर तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर पर चकत्ते और उल्टी आये तो चिकित्सक की सलाह अवश्य लें। सलाह अनुसार शासकीय अस्पताल में रक्त की जाँच करवायें।

पानी जमा न रहने दें

श्री सिंह ने कहा कि डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है और दिन में काटता है। अत: अपने घर में कूलर, टायर, पुराने मटके आदि में लम्बे समय तक पानी जमा न रहने दें। दिन में पूरी आस्तीन के कपड़े पहने। श्री सिंह ने कहा कि कूलर में एक चम्मच सरसों का तेल डाल दें इससे पानी के ऊपर तेल की परत जमने से लार्वा नहीं उत्पन्न होता है।

अधिक तरल पदार्थ पियें

बुखार आने पर अधिक से अधिक तरल पदार्थ जैसे पानी, दूध, मट्ठा, जूस आदि का अधिक से अधिक सेवन करे। बुखार के दौरान पूरे शरीर पर पानी की पट्टियाँ रखें। शरीर पर चकत्ते होने पर मरीज को तत्काल अस्पताल में भर्ती करवाकर इलाज करवायें। खून में प्लेटलेट्स की संख्या कम होने पर भी न घबरायें। पैरासिटामोल को छोड़कर कोई भी अन्य दर्द निवारक दवा का सेवन न करें।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज भी प्रदेश में स्वाईन फ्लू, डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की समीक्षा की गई। स्वास्थ्य, आयुष, गैस राहत त्रासदी और नगरीय प्रशासन विभाग की समन्वित टीमें लार्वा विनिष्टीकरण करने के साथ ही इन बीमारियों पर नजर रख रही हैं। 3 अगस्त को डेंगू के 9, चिकनगुनिया और स्वाईन फ्लू के एक-एक संदिग्ध मरीज का टेस्ट किया गया जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। प्रदेश में जनवरी से अब तक डेंगू के कुल 22 मामले सामने आये हैं जिनमें भोपाल जिले के 10, जबलपुर के 9, पन्ना, डिण्डोरी और दमोह का एक-एक मामला शामिल है। डेंगू से वर्ष 2017 में कोई मृत्यु नहीं हुई है।

Dakhal News 4 August 2017

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