राष्ट्रपति चुनाव में मतदान-स्थल पर मोबाइल प्रतिबंधित
राष्ट्रपति चुनाव

राष्ट्रपति पद के निर्वाचन के लिये 17 जुलाई को होने वाले मतदान के दौरान मतदाताओं (विधान सभा/संसद सदस्य) को मतदान-केन्द्रों के अंदर मोबाइल एवं कार्डलेस फोन और वायरलेस सेट इत्यादि ले जाने की अनुमति नहीं होगी। चुनाव आयोग ने यह बात अभ्यर्थियों, उनके प्रतिनिधि और मतदाताओं के ध्यान में लाने के निर्देश दिये हैं। भोपाल में मध्यप्रदेश विधान सभा भवन स्थिति समिति कक्ष क्रमांक-2 में सुबह 10 से शाम 5 बजे तक मतदान होगा।

मतदान परिसर के समीप इस प्रकार की व्यवस्था की जायेगी कि मतदाता यदि सेल्युलर फोन अपने साथ लाता है, तो मतदान-स्थल पर प्रवेश करने से पहले वह उसे वहाँ जमा करवा सके। वोट डालने के बाद फोन को वह वापस ले सकेगा। इस आशय की सूचना मतदान-स्थल के बाहर सूचना-पटल पर भी लगाये जाने के निर्देश दिये गये हैं। आयोग ने यह भी निर्देश दिये हैं कि प्रेक्षक सहित किसी भी अधिकारी को मतदान-स्थल के अंदर सेलफोन के प्रयोग की अनुमति नहीं दी जायेगी। रिटर्निंग ऑफिसर/सहायक रिटर्निंग ऑफिसर एक पूर्ण व्यवस्थित टेलीफोन लाइन सहित कंट्रोल-रूम की व्यवस्था की जायेगी। जब भी आयोग के अधिकारियों को उनसे और प्रेक्षक से सम्पर्क करना होगा, तो उन्हें इसके माध्यम से सूचित किया जा सकेगा। रिटर्निंग ऑफिसर/सहायक रिटर्निंग ऑफिसर और प्रेक्षक को आयोग से सम्पर्क करने की आवश्यकता होने पर वे मतदान-स्थल से बाहर आकर कंट्रोल-रूम का उपयोग कर सकेंगे।

राष्ट्रपतीय निर्वाचन में मतदान की गोपनीयता बनाये रखने और मतगणना के समय मतदाता की पहचान की संभावना को छुपाने के उद्देश्य से आयोग ने मत चिन्हित करने में एकरूपता बनाये रखने के उपाय की व्यवस्था की है। पीठासीन अधिकारी या उसके द्वारा सम्यक रूप से प्राधिकृत किसी अधिकारी द्वारा जब किसी निर्वाचक (वोटर) को मत-पत्र दिया जायेगा, तो उसे मत-पत्र पर अपना अधिमान चिन्हित करने के लिये विशेष रूप से डिजाइन किया हुआ पेन दिया जायेगा। निर्वाचक को दिया गया पेन मत चिन्हित करने और उसे मत-पेटी में डालने के बाद दूसरे निर्वाचक को देने के लिये उससे वापस ले लिया जायेगा। इसके लिये आयोग ने अपेक्षित संख्या में बैंगनी (वायलेट) रंग की स्याही वाले पेन उपलब्ध करवाये हैं, ताकि सुनिश्चित हो सके कि अधिमान केवल बैंगनी स्याही में और उसी पेन से ही चिन्हित हों। किसी अन्य पेन, बॉल प्वाइंट पेन आदि से चिन्हित किसी भी मत-पत्र को राष्ट्रपतीय तथा उप राष्ट्रपतीय निर्वाचन नियम, 1974 के नियम-31 (एक) (घ) के अधीन निरस्त किया जा सकेगा।

Dakhal News 15 July 2017

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