ट्रंप-मोदी की मुलाकात से चीन की हवा खराब
नरेंद्र मोदी

भारत और अमेरिका रिश्तों की नई इबारत लिखने जा रहे हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाशिंगटन पहुंचते ही उन्हें सच्चा दोस्त बताकर इसकी नींव रख दी है। दोनों नेताओं के बीच होने वाली वार्ता पर पूरी दुनिया की नजर है।

ट्रंप ने ट्वीट कर यह भी बताया कि मोदी से उनकी बातचीत रणनीतिक मुद्दों पर होगी। जवाब में मोदी ने गर्मजोशी भरे व्यक्तिगत स्वागत के लिए ट्रंप का धन्यवाद किया और सोमवार को व्हाइट हाउस में होने वाली बैठक और वार्ता के प्रति उत्सुकता जाहिर की।

मगर, इससे ठीक पहले चीनी विदेश मंत्री ने अमेरिका और भारत को दक्षिण चीन सागर में शांति और स्थिरता में दखल न देने की बात कही है। इस बयान से चीन की बौखलाहट का अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह भारत और अमेरिका के बीच प्रगाढ़ संबंधों, खासतौर पर सुरक्षा मसलों पर होने वाले समझौतों को लेकर बौखलाया है।

उसे लगता है कि इससे एशिया प्रशांत क्षेत्र में वह अपनी मनमानी नहीं कर पाएगा। ट्रंप पहले भी इशारा कर चुके हैं कि दक्षिण एशिया में वह भारत को प्रमुख साझेदार मानते हैं। ऐसे में भारत और अमेरिका के मजबूत संबंधों से चीन को मिर्ची लगना लाजमी है।

मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में रविवार सुबह अमेरिका पहुंचे। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने बताया, "बैठक के दौरान, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, भारत-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा साझेदारी, वैश्विक सहयोग, व्यापार, कानून के कार्यान्वयन और ऊर्जा समेत कई मसलों पर बातचीत होगी।"

दरअसल, सोमवार को दोनों नेता कई घंटे साथ व्यतीत करेंगे। इस दौरान दोनों नेताओं की अकेले बातचीत, प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक, रिसेप्शन और व्हाइट हाउस में वर्किंग डिनर का कार्यक्रम है। मोदी के लिए आयोजित किया जाने वाला वर्किंग डिनर वर्तमान अमेरिकी प्रशासन की ओर से आयोजित अपनी तरह का पहला आयोजन है।

व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया, "व्हाइट हाउस इस यात्रा को खास बनाने के प्रति बेहद उत्सुक है। हम वास्तव में बेहद गर्मजोशी से स्वागत करना चाहते हैं। इस प्रशासन के तहत किसी विदेशी गणमान्य अतिथि के लिए यह पहला डिनर होगा। इसलिए हमें लगता है कि इसका खासा महत्व है।"

ट्रंप प्रशासन ने उन खबरों को खारिज किया है कि वर्तमान अमेरिकी सरकार भारत की अनदेखी कर रही है। अमेरिकी प्रशासन का कहना है, राष्ट्रपति ट्रंप मानते हैं कि यह देश (भारत) दुनिया में "अच्छाई की ताकत" रहा है और उसके साथ गठजोड़ बेहद महत्वपूर्ण है।

व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा, "हमें शासन में आए हुए अभी छह महीने ही हुए हैं। लेकिन इस दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच फोन पर दो बार अच्छी बातचीत हो चुकी है जिससे संबंधों को बनाए रखने की दोनों देशों की उत्सुकता प्रदर्शित होती है।"

जब उनसे पूछा गया कि क्या बातचीत के दौरान एच-1बी वीजा का मसला भी उठेगा, इस पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को अमेरिका की ओर से उठाए जाने की संभावना है, लेकिन अगर इसे भारतीय पक्ष ने उठाया तो अमेरिका इसके लिए तैयार है।

Dakhal News 26 June 2017

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