मन की बात में जगन्नाथ और रमजान
man ki baat

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' जरिए राष्ट्र को संबोधित किया। सुबह 11 बजे हुए इस प्रसारण में मोदी ने जगन्नाथ रथ यात्रा और रमजान का जिक्र किया और लोगों को बधाइयां दी। 

पीएम ने कहा कि मौसम बदल रहा है। इस बार गर्मी भी बहुत रही, लेकिन अच्छा हुआ कि वर्षा ऋतु समय पर अपने नक्शे कदम पर आगे बढ़ रही है। जीवन में कितनी ही आपाधापी हो, तनाव हो, व्यक्तिगत जीवन हो, सार्वजनिक जीवन हो, बारिश का आगमन मनःस्थिति को बदल देता है।

प्रधानमंत्री ने मुबारकपुर के लोगों की तारीफ की, जिन्होंने शौचालय बनाने के लिए दिया गया 17 लाख रुपए का फंड लौटा दिया और अपने प्रयासों से खुले में शौच से मुक्ति पाई।

आपातकाल के 42 साल पूरे होने का जिक्र करते हुए करते हुए पीएम मोदी ने कहा, '25 जून, 1975 की वो काली रात थी जो कई भी लोकतंत्रप्रेमी भुला नहीं सकता है। कोई भारतवासी भुला नहीं सकता। देश को जेलखाने में बदल दिया गया था। विरोधी स्वर को दबोच दिया गया था। जयप्रकाश नारायण सहित देश के गणमान्य नेताओं को जेलों में बंद कर दिया गया था। न्याय व्यवस्था भी आपाताकाल के उस भयावह रूप की छाया से बच नहीं पाई थी। अखबारों को तो पूरी तरह बेकार कर दिया गया था।'

इस दौरान मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की एक कविता भी पढ़ी।

योग दिवस की कामयाबी पर मोदी ने कहा, 21 जून को पूरा देश ही नहीं दुनियाभर में योग हो रहा था। योग अब दुनिया को जोड़ने का जरिया बन गया है।

जगन्नाथ रथ यात्रा के बारे में उन्होंने कहा, भगवान जगन्नाथ गरीबों के स्वामी हैं। बहुत कम लोगों को पता होगा कि अंग्रेजी में juggernaut शब्द का अर्थ है- जगन्नाथ।

मोदी ने बताया कि रोज उन्हें बहुत सारी चिट्ठियां आती हैं। लोगों से जुड़े रहने के लिए वे चुनिंदा चिट्ठियां पढ़ते हैं। इसी क्रम में उन्होंने तमिलनाडु की एक गृहिणी की एक चिट्ठी का भी जिक्र किया।

इस चिट्ठी के माध्यम से मोदी ने लोगों को भारत सरकार की गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस योजना का जिक्र किया। https://gem.gov.in पर इसकी सारी जानकारी उपलब्ध है। यहां लोग अपनी बनाई चीजें सरकार को बेच सकते हैं।

मोदी ने कहा, खादी का रुमाल दे कर स्वागत करते हैं, तो कितने गरीब लोगों को मदद मिलती है। खर्चा कम हो जाता है और सही रूप से उसका उपयोग भी होता है। मैं जब गुजरात का मुख्यमंत्री था, तो मैंने परंपरा बनाई थी कि हम बुके नहीं बुक देंगे या खादी के रूमाल से स्वागत करेंगे।

अभी दो दिन पहले इसरो ने कॉर्टोसेट सैटेलाइट के साथ 30 नैनोसैटेलाइट लॉन्च किए। भारत के नैनोसैटेलाइट अभियान से खेती-किसानी के काम में, प्राकृतिक आपदा के संबंध में काफी कुछ हमें मदद मिलेगी।

 

Dakhal News 25 June 2017

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.