शिव राज के खिलाफ अन्न-दाता सड़कों पर
kisan andolan

 

मध्यप्रदेश में 14 साल बाद किसानों के इतने बड़े आंदोलन ने जन जीवन प्रभावित कर दिया है। शिवराज सरकार के खिलाफ किसानों ने लगातार तीसरे दिन आधा दर्जन शहरों में उग्र तेवर दिखाए। नतीजे में भोपाल, इंदौर, उज्जैन, खंडवा, रतलाम जैसे शहरों में  लोग दूध, सब्जी तक को तरस गए। दूध भी 100 रुपए लीटर तक खरीदना पड़ा। उधर पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिस अधीक्षकों और रेंज अफसरों को शांति व्यवस्था को लेकर कड़े निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं। 

आज सुबह इंदौर, उज्जैन, मंदसौर और होशंगाबाद की गल्ला और सब्जी मंडी में किसानों ने किसी को नहीं जाने दिया। इससे कई बार विवाद की स्थिति बनी। उधर भोपाल और सीहोर के किसान फंदा जोड़ पर चक्काजाम करने की तैयारी में थे। वहीं रतलाम में भी किसान सड़कों पर उतरे हुए हैं। देवास के खातेगांव, आगरमालवा के नलखेड़ा में किसानों ने चक्काजाम किया है। किसानों के आंदोलन से भोपाल, इंदौर, उज्जैन, देवास, सीहोर, खंडवा, रतलाम, मंदसौर, नीमच सहित कई शहरों में दूध-सब्जी की सप्लाई आधी से भी कम हो गई।   

सूत्रों की मानी जाए तो सोमवार को किसान रैली निकालने की तैयारी कर रहे हैं। इस दिन जिला मुख्यालय पर किसान जमा हो सकते हैं। वे कलेक्टर को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन देंगे। 

2010 में किसानों ने राजधानी को जाम कर दिया था। प्रदेश भर से हजारों की संख्या में किसान इस शहर में जमा हुए थे और उन्होंने शहरों के हर रास्ते को बंद कर दिया था। महाराष्ट्र में किसानों का आंदोलन समाप्त हो चुका है। कृषि उत्पादन  आयुक्त पीसी मीणा ने कहा मध्यप्रदेश मेंं भी आंदोलन समाप्त हो इस दिशा में रणनीति तैयार की जा रही है। चर्चा के बाद उन्हेंं मनाकर आंदोलन समाप्त करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

 नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा सरकारी हेलीकॉप्टर से अपने खेत जाने वाला उट क्या समझे किसान का दर्द: अजय सिंह

मुख्यमंत्री शिवराज चौहान अपने पांच एकड़ जमीन पर होने वाली खेती का सरकारी हेलीकॉप्टर से निरीक्षण करने जाते हैंं, वह इस प्रदेश के किसानों का दर्द क्या समझेंगे? मुख्यमंत्री के लिए किसान सिर्फ वोट बैंक है।  

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने  किसानों से अपील की है कि वे उनके नाम से अराजकता फैलाने वालों से सावधान रहें और किसी तरह के बहकावे में न आएं। किसानों की हाड़-तोड़ मेहनत से मध्यप्रदेश राज्य देश में नहीं विश्व में कृषि विकास दर में अग्रणी है। सीएम चौहान ने कहा है कि चर्चा और संवाद ऐसे माध्यम हैं, जिनसे हर समस्या का निदान करने में हम सक्षम हो सकते हैं। मध्यप्रदेश के किसान परेशान हों, यह जानकर ही पीड़ा होती है। उन्होंने कहा कि किसानों की वर्तमान समस्याओं को हल करने के लिए सरकार तत्पर और तैयार है। उन्होंने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार पहली ऐसी सरकार है जिसने किसानों को पहले 16-17 प्रतिशत ब्याज दर पर मिलने वाले कृषि ऋणों को शून्य ब्याज पर देने की व्यवस्था की है। 

 20 पूंजीपतियों का कर्ज माफ करने की तैयारी में सरकार: कक्का जी

भोपाल। राष्ट्रीय किसान महासंघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा कक्काजी ने कहा है कि अगर सरकर ने किसानों को कर्ज मुक्त नहीं किया तो हम उन्हें कार्यमुक्त करने तक दम नहीं लेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसानों के बात करने की बजाए चुनिंदा पूंजीपतियों के कर्ज माफ करने की तैयारी कर रही है। इस दौरान उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि 2010 की तरह भोपाल को जाम कर देंगे। उन्होंने   कहा कि सरकार फर्जी आंकड़ों से कृषि कर्मण अवार्ड ले रही है। उन्होंने प्रदेश के किसानों का 44 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ करने की मांग की है। 

मध्यप्रदेश में किसानों की हड़ताल के तीसरे दिन शनिवार को एक बार फिर आम लोगों को दूध और सब्जी की किल्लत का सामना करना पड़ा। कई इलाकों में पुलिस की सुरक्षा में दूध और सब्जी की दुकानें खुलीं, लेकिन इन्हें बहुत ज्यादा कीमत पर बेचा गया। उधर कई जगह आंदोलन कर रहे किसानों ने दूध और सब्जी की सप्लाई रोकने के लिए निजी वाहनों और बसों में भी चेकिंग शुरू कर दी है। भारतीय किसान संघ भी अब इस हड़ताल में शामिल होगा।

किसान के आंदोलन पर सरकार हरकत में आ गई है। शनिवार दोपहर मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने इंदौर, उज्जैन और भोपाल संभाग के अधिकारियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। इस दौरान तीनों संभागों के आईजी, कलेक्टर, एसपी और दुग्ध संघ के अधिकारी भी उपस्थित थे।

देवास के पास कन्नौद में खेत से 2 लीटर दूध लेकर घर आ रहे किसान को आंदोलनकारियों ने सुबह 8.15 बजे सरकारी अस्पताल के सामने रोक लिया, उन्होंने पहले दूध बहाया इसके बाद किसान के साथ मारपीट की। मामले में रिपोर्ट लिखाई गई। राजोदा में कैलोद चौराहे पर निजी वाहनों को रोक कर किसानों ने चेकिंग की, सुबह से खुली दूध डेयरियां भी बंद करवा दी गईं।

खंडवा में बसों की चेकिंग में मिली सब्जी किसानों ने सड़क पर फेंकी। महाराष्ट्र से आया दूध का वाहन भी रोका, जिसके बाद ड्राइवर वाहन को थाने ले गया। वहां पुलिस के संरक्षण में दूध ज्यादा कीमत में बिका।

शाजापुर में सांची दूध की सप्लाई होने से स्थिति कुछ सामान्य हुई, लेकिन खुला दूध अब भी नहीं मिला। यहां सब्जी की सप्लाई बंद रही। शाजापुर में करीब बड़ी संख्या में किसान सड़क पर उतर आए और सरकार विरोधी नारे लगाते हुए जमकर प्रदर्शन किया।

मंदसौर में 300 लीटर दूध एक कार से जब्त हुआ, जिसके बाद जिला अस्पताल में इसे बांट दिया गया। कई जगह किसानों का विरोध जारी रहा उन्होंने रोक-रोकर वाहनों की चेकिंग की। दूध और सब्जी की किल्लत के चलते कई जगह आम लोगों ने किसानों का विरोध किया। लोगों का कहना है कि यह तरीका बिल्कुल गलत है।

झाबुआ और आलीराजपुर में हड़ताल का कोई असर नहीं दिखा, यहां सामान्य रूप से मंडी खुली और दूध की सप्लाई भी सामान्य रही। हालांकि मंड़ि‍यों में सब्जी की आवक पहले की अपेक्षा कम रही।

खरगोन सब्जी मंडी में हालत सामान्य रहे लेकिन सब्जियों के भाव आसमान पर रहे। इंदौर और धार में किसानों आंदोलन के चलते व्यापारी खरगोन नहीं पहुंचे। यहां दूध की सप्लाई भी सामान्य रही। रविवार को सब्जी मंडी बंद रह सकती है। जिले के भीकनगांव में सब्जी का व्यापार जारी। यहां सांची के दूध की सप्लाई भी हुई, गड़बड़ी की आशंका के चलते अमूल का दूध नहीं मंगवाया गया। जानकारी के मुता‍बिक सांची का 10 हजार लीटर दूध यहां सप्लाई हुआ। बड़वानी में किसान आंदोलन का असर नहीं रहा।

 

Dakhal News 3 June 2017

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