नर्मदा यात्रा की अनुगूँज 178 देशों तक
 नर्मदा यात्रा 178 देशों तक

 'नमामि देवि नर्मदे''-सेवा यात्रा की अनुगूँज देश के कोन-कोने के साथ ही 178 देशों में भी पहुँच रही है। विश्व के पर्यावरण, जीव-जन्तु, गौ-वंश, मृदा, कृषि, जल वैज्ञानिक नर्मदा यात्रा को सतत समर्थन दे रहे हैं। साधु-संत, समाज, शासन की त्रिवेणी का अनुपम संगम यात्रा, नर्मदा तट पर पौध-रोपण, शुचिता, स्वच्छता, नशा मुक्ति, बेटी-बचाओ, नदी-गौ संरक्षण, कन्या भ्रूण हत्या, जैविक खेती आदि उद्देश्यों के साथ प्रभावी छाप छोड़ती चल रही है। यह बात राज्य गौ-पालन एवं पशु-संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष और राज्य नर्मदा सेवा समिति के सदस्य महामण्डलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने मण्डला जिले के ग्राम तिंदनी में सेवा यात्रा पहुँचने पर हुए जन-संवाद में कही।

ग्वारी गाँव से तिंदनी पहुँचने पर श्रीमती ग्यारसी देवी ने कलश और जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री शैलेष मिश्रा ने ध्वज ग्रहण कर बहुसंख्य कलश-धारक महिलाओं और कन्याओं के साथ स्वागत किया। विगत 11 दिसम्बर,2016 से शुरू यात्रा का आज 127वाँ दिन है।

मनुष्य ही नहीं नदियों की भी जीवनदायिनी है माँ नर्मदा

स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने कहा कि बिजली, अन्न-जल देने के साथ माँ नर्मदा आज नदियों को पुनर्जीवित भी कर रही हैं। गुजरात एवं मध्यप्रदेश में करोड़ों लोगों को पेयजल, किसानों को सिंचाई और उद्योगों को बिजली देने वाली नर्मदा आज क्षिप्रा, गंभीर, पार्वती, खान, साबरमती आदि नदियों को पुनर्जीवित कर रही हैं। नर्मदा पुराण में महर्षि वेद व्यास ने लिखा है कि कलयुग में कई नदियाँ अपना अस्तित्व खो देंगी जिन्हें नर्मदा जीवन दान देगी।

गंगा से प्राचीन है नर्मदा

स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने कहा कि गंगा का अवतरण त्रेता युग ओर नर्मदा का अविर्भाव सतयुग में हुआ। नारायण के वरदान के अनुसार गंगा सहित सभी तीर्थ पापियों के स्नान से हुए कलुष को धोने नर्मदा में आते हैं। इसलिए नर्मदा परिक्रमा में सभी तीर्थों का फल प्राप्त होता है। साल में एक बार गंगा स्वयं नर्मदा में स्नान करने आती है और धवल होकर लौटती है। गंगा की भाँति नर्मदा का जल भी औषधीय गुणों से भरपूर है।

ग्राम तिंदनी में पहुँचने पर स्कूली बच्चों के आकर्षक लोक-नृत्य ने लोगों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामवासी, महिलाओं, बच्चों और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने 'नर्मदे हर'' जयघोष के साथ नर्मदा नदी और तट को संरक्षित करने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम में खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री शिव चौबे, रोजगार निर्माण मण्डल के अध्यक्ष श्री हेमंत देशमुख, पाठ्य-पुस्तक निगम के उपाध्यक्ष श्री अवधेश नायक, साध्वी योगमाया, साध्वी प्रज्ञा भारती भी मौजूद थे।

 

Dakhal News 24 April 2017

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